आचार्य सत्येंद्र दास के निधन पर पीएम मोदी ने जताया दुख, पुरानी फोटो शेयर कर लिखी ये बात


नई दिल्ली, 12 फरवरी (आईएएनएस)। श्रीराम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है। पीएम मोदी ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि देश के आध्यात्मिक और सामाजिक जीवन में उनके (आचार्य सत्येंद्र दास) अमूल्य योगदान को हमेशा श्रद्धापूर्वक स्मरण किया जाएगा। उन्होंने सोशल मीडिया पर आचार्य सत्येंद्र दास के साथ पुरानी तस्वीर भी शेयर की। यह फोटो उस वक्त की है, जब अयोध्या में भगवान रामलला टेंट में विराजमान थे।

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बुधवार को लिखा, ”राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी महंत सत्येंद्र दास जी के देहावसान से अत्यंत दुख हुआ है। धार्मिक अनुष्ठानों और शास्त्रों के ज्ञाता रहे महंत जी का पूरा जीवन भगवान श्रीराम की सेवा में समर्पित रहा। देश के आध्यात्मिक और सामाजिक जीवन में उनके अमूल्य योगदान को हमेशा श्रद्धापूर्वक स्मरण किया जाएगा। ईश्वर से प्रार्थना है कि शोक की इस घड़ी में उनके परिजनों एवं अनुयायियों को संबल प्रदान करे। ओम शांति।”

इससे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी महंत सत्येंद्र दास के निधन पर दुख जताया। उन्होंने एक्स पोस्ट में लिखा, ”परम रामभक्त, श्री राम जन्मभूमि मंदिर, श्री अयोध्या धाम के मुख्य पुजारी आचार्य श्री सत्येंद्र कुमार दास जी महाराज का निधन अत्यंत दुःखद एवं आध्यात्मिक जगत की अपूरणीय क्षति है। विनम्र श्रद्धांजलि। प्रभु श्रीराम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दे तथा शोक संतप्त शिष्यों एवं अनुयायियों को यह अथाह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।”

आचार्य सत्येंद्र दास का बुधवार की सुबह लखनऊ स्थित पीजीआई में 87 साल की आयु में निधन हो गया। वह कई दिनों से बीमार चल रहे थे। उनके निधन की सूचना मिलते ही राजनीतिक गलियारों और साधु-संतों में शोक की लहर दौड़ पड़ी है।

आचार्य सत्येंद्र दास टेंट से लेकर रामलला के भव्य मंदिर में विराजमान होने के साक्षी बने। हालांकि, उन्होंने रामलला के भव्य मंदिर में विराजमान होने के बाद कार्यमुक्त करने का निवेदन भी किया, लेकिन राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की तरफ से इनकार कर दिया गया और कहा गया कि वह मुख्य पुजारी बने रहेंगे। साथ ही वह जब चाहें मंदिर में रामलला की पूजा कर सकते हैं। उनके लिए कोई शर्त की बाध्यता नहीं रहेगी।

–आईएएनएस

एसके/एबीएम


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