79वें स्वतंत्रता दिवस पर केसरिया साफे में दिखे पीएम मोदी, जानें इसके मायने क्या?


नई दिल्ली, 15 अगस्त (आईएएनएस)। देश आज अपना 79वां दिवस मना रहा है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐतिहासिक लाल किले की प्राचीर पर ध्वजारोहण किया। हर बार की तरह इस बार भी पीएम मोदी के पहनावे ने सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। उन्होंने केसरिया रंग का साफा पहना, जो साहस और बलिदान का प्रतीक माना जाता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐतिहासिक लाल किले की प्राचीर से लगातार 12वीं बार ध्वजारोहण किया। इस दौरान पीएम मोदी केसरिया रंग का साफा पहने हुए नजर आए। इस रंग को साहस और बलिदान का प्रतीक माना जाता है। इसके साथ उन्होंने सफेद कुर्ता-पायजामा और नारंगी रंग का नेहरू-कट जैकेट पहन अपने लुक को पूरा किया।

पीएम मोदी का यह पहनावा न केवल उनकी पारंपरिक शैली को दिखाता है, बल्कि हालिया घटनाओं, विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले और उसके बाद भारत की सफल सैन्य कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से भी जुड़ा माना जा रहा है।

बता दें कि हर वर्ष स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी का साफा चर्चा का विषय रहता है। पिछले साल 2024 में देश के 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर उन्होंने केसरी, हरे और पीले रंग की पगड़ी पहनी थी, जबकि उससे पहले 2023 में पीले और लाल रंग का साफा पहना था। पीएम मोदी द्वारा पहने गए साफे के रंग और डिजाइन हमेशा से देश की परंपराओं और भावनाओं को दर्शाते रहे हैं।

लाल किले की प्राचीर से पीएम मोदी ने जो भाषण दिया उसमें भी साहस और बलिदान का पुट था। नए भारत को आत्मनिर्भर और प्रगति के पथ पर अग्रसर कराने का प्रण भी था। देशवासियों को 79वें स्वतंत्रता दिवस की बधाई देते हुए पीएम ने कहा कि यह दिन देश के सभी नागरिकों को हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को साकार करने और एक ‘विकसित भारत’ के निर्माण के लिए कड़ी मेहनत करते रहने के लिए प्रेरित करेगा। पीएम मोदी ने प्रकृति से लेकर टेक्नोलॉजी के प्रति भारत की जिम्मेवारी की बात की।

15 अगस्त की सुबह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ के जरिए पीएम मोदी ने देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा, “सभी को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। यह दिन हमें अपने स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को साकार करने और एक विकसित भारत के निर्माण के लिए और भी अधिक मेहनत करने के लिए प्रेरित करे। जय हिंद!”

–आईएएनएस

एससीएच/केआर


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