संजय निरुपम के बयान पर विजय वडेट्टीवार का पलटवार, कहा- 'उन्हें अपने कार्यालय के बारे में सोचना चाहिए'

मुंबई, 7 मार्च (आईएएनएस)। महाराष्ट्र में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधायक विजय वडेट्टीवार ने शुक्रवार को शिवसेना नेता संजय निरुपम द्वारा कांग्रेस दफ्तर को लेकर दिया गए बयान पर प्रतिक्रिया दी है।
शिवसेना नेता संजय निरुपम का कहना है कि कांग्रेस ने अपने मुंबई दफ्तर का किराया कई वर्षों से नहीं भरा है। दफ्तर पर बस ताला लगना बाकी है। पिछले 10 महीने से मुंबई कांग्रेस के कर्मचारियों को वेतन भी नहीं मिला है।
संजय निरुपम के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि यह हमारा आंतरिक मामला है। संजय निरुपम पार्टी छोड़कर चले गए हैं, इसलिए उन्हें बोलने का कोई अधिकार नहीं है। उन्हें अपने कार्यालय के बारे में सोचना चाहिए और दूसरों के बारे में सोचना बंद करना चाहिए। चापलूसी करके जो उन्नति मिली है, वे उस पर ध्यान दें और दूसरों की तरफ ध्यान न दें। हम देख लेंगे कि क्या करना है।
वहीं, विजय वडेट्टीवार ने अनिल परब के बयान पर मचे बवाल पर कहा कि उन्होंने कोई गलत बात नहीं की और न ही किसी का अपमान किया है। उन्होंने जो बोला वो गलत नहीं था। सत्ताधारी इसका जवाब नहीं दे सकते, इसलिए गलत तरीके से अर्थ निकालकर लोगों को परेशान करना इनका धंधा है।
बता दें कि संजय निरुपम ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा था, “मुंबई कांग्रेस के दफ्तर पर बस ताला लगना बाकी है। दफ्तर का भाड़ा वर्षों से नहीं भरा गया है। बकाया 18 लाख रुपये हो गया है। बिजली बिल का बकाया 5 लाख रुपये हो गया है। बिजली कट गई थी। डिस्ट्रीब्यूटर मीटर उठाकर ले गया था। ‘एफवाईआई दक्षिण मुंबई में बिजली सप्लायर अदाणी नहीं बेस्ट है’।”
शिवसेना नेता ने आगे कहा था, “मैं चार वर्षों तक मुंबई कांग्रेस का अध्यक्ष था। कभी ऐसी शर्मनाक स्थिति पैदा नहीं हुई थी। मुंबई कांग्रेस चलाने का महीने का खर्चा 14 लाख रुपये था। इसमें ऑफिस का भाड़ा, बिजली बिल, सभी कर्मचारियों का वेतन शामिल था। सुना है पिछले 10 महीने से मुंबई कांग्रेस के कर्मचारियों को वेतन भी नहीं मिला है।”
अनिल परब ने गुरुवार को विधान परिषद में खुद की तुलना छत्रपति संभाजी महाराज की थी। अनिल परब ने कहा था कि संभाजी महाराज के विचार और उनकी विरासत को अगर किसी ने आगे बढ़ाया है, तो वह ‘छावा’ (फिल्म) में दिखेगा, “और मुझे भी देखो”। उन्होंने कहा था, “धर्म बदलने के लिए उन पर अत्याचार हुआ और पार्टी बदलने के लिए मुझ पर अत्याचार किया गया।
–आईएएनएस
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