3 जुलाई: दो अलग साल, दो अलग इवेंट्स! टेनिस जगत में हुए थे बड़े उलटफेर

नई दिल्ली, 2 जुलाई (आईएएनएस)। 3 जुलाई का दिन टेनिस जगत के लिए बेहद खास रहा है। यह वह दिन है, जब दो अलग-अलग इवेंट्स का फाइनल खेला गया था। यह भारत के खेल इतिहास का भी सुनहरा दिन है। आइए, जानते हैं कि इस दिन टेनिस जगत में किन-किन खिलाड़ियों ने बड़े उलटफेर किए थे।
3 जुलाई 2004 : इस दिन रूस की मारिया शारापोवा ने महज 17 साल की उम्र में अपना पहला ग्रैंड स्लैम खिताब जीतकर इतिहास रच दिया था। यह वो मुकाबला था, जिसमें मारिया शारापोवार ने सेरेना विलियम्स को शिकस्त देकर टाइटल जीता था। उस वक्त सेरेना वर्ल्ड नंबर-1 थीं।
हालांकि, साल 2000 में महज 14 साल की उम्र में एडी हेर इंटरनेशनल जूनियर टेनिस चैंपियनशिप जीतकर मारिया दुनिया की नजर में आ चुकी थीं, लेकिन इतनी महज 17 साल की उम्र में ही ग्रैंड स्लैम खिताब जीतकर मारिया ने सभी को चौंका दिया।
साल 2006 में मारिया शारापोवा ने यूएस ओपन जीता। इसके बाद साल 2008 में उन्होंने ऑस्ट्रेलियन ओपन जीता। साल 2012 और 2014 में उन्होंने फ्रेंच ओपन जीतकर अपनी धाक जमा दी। साल 2012 में उन्होंने लंदन ओलंपिक के एकल में रजत पदक जीता था। अपने करियर में 36 डब्ल्यूटीए और चार आईटीएफ खिताब जीतने वाली शारापोवा ने कंधे की चोट की समस्या के चलते साल 2020 में संन्यास का ऐलान किया।
19 अप्रैल 1987 को जन्मीं मारिया महज चार साल की उम्र में ही टेनिस रैकेट थाम चुकी थीं। मारिया का परिवार साल 1994 में अमेरिका आ गया था, जहां उन्होंने इस खेल के गुर सीखने शुरू किए। भले ही मारिया अमेरिका में रहीं, लेकिन उन्होंने रूस की ओर से ही खेला।
3 जुलाई 2005 : महेश भूपति ने 2005 में अपना दूसरा विंबलडन मिक्स्ड डबल्स खिताब जीता था। भूपति ने यह खिताब फ्रांस की जोड़ीदार मैरी पियर्स के साथ मिलकर जीता, जिन्होंने फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के पॉल हैनली और यूक्रेन की तातियाना पेरेबिनिस को 6-4, 6-2 से शिकस्त दी।
इस इंडो-फ्रेंच जोड़ी ने 54 मिनट में यह मुकाबला जीता। यह जोड़ी भले ही मिश्रित युगल में वरीयता सूची में नहीं थी, लेकिन उन्होंने सेंटर कोर्ट पर 15 हजार फैंस के सामने एक भी सेट गंवाए बगैर खिताब जीत लिया।
–आईएएनएस
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