भारत में रजिस्टर्ड स्टार्टअप की संख्या 1.76 लाख पहुंची, यूनिकॉर्न बढ़कर हुए 118


नई दिल्ली, 6 जून (आईएएनएस)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि पिछले 11 वर्षों में रजिस्टर्ड स्टार्टअप की संख्या 1.76 लाख तक पहुंच गई है, जिसमें 1 बिलियन डॉलर और उससे अधिक वैल्यूएशन वाले स्टार्टअप यानी यूनिकॉर्न की संख्या 118 दर्ज की गई है।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में वित्त मंत्री ने कहा कि “भारत के युवा स्टार्टअप बना रहे हैं और नौकरियों के अवसर ला रहे हैं”।

उन्होंने पोस्ट किया कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में पिछले 11 वर्षों में युवाओं के लिए किए गए कार्यों की एक झलक है।

केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने एक अलग एक्स पोस्ट में कहा कि पिछले 11 वर्षों में 7 नए आईआईटी, 8 नए आईआईएम और 16 नए एम्स स्थापित किए गए।

केंद्रीय मंत्री पुरी ने कहा, “पीएमकेवीवाई (प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना) के तहत 1.6 करोड़ से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित किया गया और 1.6 लाख स्टार्टअप से 17.6 लाख से अधिक प्रत्यक्ष रोजगार सृजित किए गए। लगभग 30,000 व्यावसायिक शिक्षा विद्यालय स्थापित किए गए, जिनमें 30 लाख से अधिक छात्र नामांकित हैं।”

पीएम इंटर्नशिप योजना के तहत, शीर्ष 500 कंपनियों में 1 करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप के अवसर प्रदान किए गए।

केंद्रीय मंत्री पुरी ने कहा कि देश के हर कोने में उच्च शिक्षा के प्रसार के लिए लगभग 490 नए विश्वविद्यालय स्थापित किए गए।

पिछले महीने, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने क्रेडिट गारंटी स्कीम फॉर स्टार्टअप्स (सीजीएसएस) के विस्तार को अधिसूचित किया, जो प्रति उधारकर्ता गारंटी कवर की सीमा को 10 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 20 करोड़ रुपए कर देता है।

सरकार के अनुसार, 10 करोड़ रुपये तक की ऋण राशि के लिए गारंटी कवर की सीमा को भी बढ़ाकर डिफॉल्ट राशि का 85 प्रतिशत और 10 करोड़ रुपये से अधिक की ऋण राशि के लिए डिफॉल्ट राशि का 75 प्रतिशत कर दिया गया है।

भारत को इनोवेशन-संचालित आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था में बदलने के लिए पीएम मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप, अधिसूचित विस्तार का उद्देश्य इनोवेशन-ड्रिवन स्टार्टअप्स की फाइनेंसिंग जरूरत को पूरा करना है।

विस्तारित योजना स्थापित वित्तीय संस्थानों में स्टार्टअप को ऋण देने से जुड़े जोखिमों को कम करेगी, जिससे स्टार्टअप के लिए रिसर्च और डेवलपमेंट एक्सपेरिमेंट करने और कटिंग-एज इनोवेशन और टेक्नोलॉजी बनाने के लिए अधिक फाइनेंशियल फ्लो और रनवे सक्षम होगा।

–आईएएनएस

एसकेटी/जीकेटी


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