बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के फिर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का हिस्सा हो जाने के बाद विपक्षी गठबंधन से जुड़े सभी दलों को बेशक झटका लगा है, लेकिन स्थानीय सपा नेता काफी खुश हैं। वजह यह कि इंडिया गठबंधन से बाहर होते ही नीतीश के फूलपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की अटकलों पर पूर्णविराम लग गया है।
अब स्थानीय सपा नेताओं को ही यहां से मौका मिलने की उम्मीद है। पिछले एक हफ्ते में देश में जो सियासी घटनाक्रम बदला है, उसमें पश्चिम बंगाल, पंजाब और बिहार का बड़ा रोल रहा है। पश्चिम बंगाल में ममता ने कांग्रेस को झटका दिया तो पंजाब में आम आदमी पार्टी ने।
इंडिया गठबंधन के अगुवा माने जा रहे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अचानक राजग के साथ आकर विपक्षी ताकत को तार-तार कर दिया है। नीतीश के इंडिया गठबंधन में होने के दौरान अटकलें थीं कि वह प्रयागराज की फूलपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे।
कुर्मी मतों के ध्रुवीकरण की संभावनाओं को देखते हुए इसका असर प्रदेश की दूसरी कई सीटों पर भी देखने को मिल सकता था। जनता दल यूनाइटेड ने भी अपने पार्टी प्रमुख नीतीश कुमार को फूलपुर से चुनाव लड़ाने की तैयारी शुरू कर दी थी। सर्वे भी कराए गए थे।