गगनयान मिशन के लिए चयनित ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप बोले, यह मौका हर किसी को नहीं मिलता


बेंगलुरु, 19 अप्रैल (आईएएनएस)। बेंगलुरु के जवाहरलाल नेहरू प्लैनेटेरियम में गगनयान मिशन के लिए चयनित भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप के साथ एक खास बातचीत का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम आर्यभट्ट सैटेलाइट लॉन्च की गोल्डन जुबली के मौके पर रखा गया था।

इस दौरान ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप ने बताया कि गगनयान जैसे मानव मिशन के लिए शारीरिक फिटनेस, मानसिक मजबूती और भावनात्मक संतुलन बेहद जरूरी है। उन्होंने छात्रों को आत्म अनुशासन और लगन के जरिए अपना लक्ष्य हासिल करने के लिए प्रेरित किया।

अंगद प्रताप ने कहा, “परिवार और दोस्तों से लंबे समय तक दूर रहना आसान नहीं होता। यह सच है कि यह बहुत दर्दनाक होता है, लेकिन मनोवैज्ञानिक ट्रेनिंग इसमें काफी मदद करती है। अगर आप इसे झेल नहीं सकते तो शुरुआत में ही इस मिशन के लिए आप चुने नहीं जाएंगे।”

उन्होंने कहा, “अंतरिक्ष में जाना पूरी तरह विज्ञान का क्षेत्र है, लेकिन फाइटर पायलट होने की वजह से हम पहले से ही 60 प्रतिशत ट्रेनिंग से लैस होते हैं। यह एक मौका है, जिसे मैं सौभाग्य मानता हूं।”

उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, “मिलिट्री मैन के लिए ‘डर’ शब्द डिक्शनरी में नहीं होता, लेकिन हां कभी-कभी जरूर सोचता हूं। मैं सुपरसोनिक उड़ान भरता हूं, लेकिन गगनयान मिशन एक अलग अनुभव है। मैं यहां आपके सामने एक साइंटिस्ट नहीं, बल्कि साइंस के लिए बैठा हूं। यह मिशन देश के लिए है।”

अंगद प्रताप ने कहा, “यह मौका हर किसी को नहीं मिलता। जब से मैं इस मिशन का हिस्सा बना, तब से इस क्षेत्र को और बेहतर समझ पाया। ट्रेनिंग की गहराई और गंभीरता को जानने का मौका मिला।”

उन्होंने बताया, “हमारी शुरुआती ट्रेनिंग रूस में हुई थी और फिर भारत में जारी रही। भारत में आईआईएससी के प्रोफेसरों के साथ अकादमिक सेशन होते हैं, रोज़ाना फिजिकल ट्रेनिंग होती है, साथ ही सख्त मानसिक और एयरोमेडिकल ट्रेनिंग दी जाती है। शुरुआत में ये मुश्किल लगता है, लेकिन धीरे-धीरे आसान हो जाता है।”

–आईएएनएस

डीएससी/सीबीटी


Show More
Back to top button