सोल, 26 जनवरी (आईएएनएस)। उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय ने रविवार को कहा कि प्योंगयांग को अमेरिका के प्रति ‘सबसे कठोर जवाबी कार्रवाई’ जारी रखनी चाहिए। जब तक कि वाशिंगटन देश की संप्रभुता और सुरक्षा हितों को अस्वीकार करता है तक यह कार्रवाई जारी रहनी चाहिए।
कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) के अनुसार, उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय ने यह टिप्पणी दक्षिण कोरिया और अमेरिका के बीच संयुक्त हवाई अभ्यास की आलोचना करते हुए की। इससे पहले ट्रंप ने राष्ट्रपति बनने के बाद किम को ‘स्मार्ट आदमी’ कहा था और उत्तर कोरिया के नेता से फिर से संपर्क करने की मंशा जाहिर की थी।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग-उन से संपर्क करने की मंशा जाहिर करने के कुछ दिनों बाद, योनहाप समाचार एजेंसी ने यह जानकारी दी।
बयान में कहा गया है, “वास्तविकता इस बात पर जोर देती है कि डीपीआरके को अमेरिका के खिलाफ सबसे कठोर जवाबी कार्रवाई करनी चाहिए, जब तक कि वह डीपीआरके की संप्रभुता और सुरक्षा हितों को अस्वीकार करता है। यही अमेरिका से निपटने के लिए यह सबसे अच्छा विकल्प है।”
डीपीआरके उत्तर कोरिया का आधिकारिक नाम है जिसका मतलाब है – डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया है।
विदेश मंत्रालय ने पिछले सप्ताह सोल और वाशिंगटन के बीच आयोजित चार दिवसीय संयुक्त हवाई अभ्यास का उल्लेख किया। यह अभ्यास दक्षिण कोरिया के वोनजू में एक एयरपोर्ट पर किया गया था। साथ ही मंत्रालय ने जापान की भागीदारी वाले एक अन्य त्रिपक्षीय संयुक्त हवाई अभ्यास को कोरियाई प्रायद्वीप पर शांति और स्थिरता के लिए ‘गंभीर चुनौती’ बताया।
मंत्रालय ने चेतावनी दी कि ‘ऐसे कदमों को देखते हुए एक विचारशील प्रतिक्रिया की जरुरत होगी।’ साथ ही ये भी कहा कि देश ‘शक्ति के असंतुलन की अनुमति नहीं देगा और राज्य के संप्रभु अधिकार और सुरक्षा हितों की रक्षा करने, क्षेत्र में शांति और स्थिरता को पूरी तरह सुनिश्चित करने के लिए सबसे कठिन प्रतिक्रिया करेगा।”
–आईएएनएस
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