ओटीटी और थिएटर में अंतर नहीं, कहानियां दर्शकों को पसंद आनी चाहिए : रोहित सराफ

मुंबई, 1 जुलाई (आईएएनएस)। एक्टर रोहित सराफ ने अपनी सादगी और शानदार अभिनय से दर्शकों का दिल जीता है। ‘डियर जिंदगी’ और ‘द स्काई इज पिंक’ जैसी फिल्मों में काम करने वाले रोहित को स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स की सीरीज ‘मिसमैच्ड’ में काफी पसंद किया गया। लिहाजा, फैंस ने उन्हें ‘नेशनल क्रश’ का खिताब भी दिया।
ओटीटी और थिएटर दोनों का हिस्सा रहे अभिनेता का मानना है कि दोनों में कोई अंतर नहीं है, बस कहानियां दर्शकों को पसंद आएंगी।
रोहित के लिए साल 2024 और 2025 का सफर काफी रोमांचक रहा। निपुण धर्माधिकारी की फिल्म ‘इश्क विश्क रिबाउंड’ में लीड रोल प्ले करने वाले एक्टर के लिए यह पहली बड़ी थिएटर फिल्म थी। इस साल वह धर्मा प्रोडक्शंस की फिल्म ‘सनी संस्कारी की तुलसी कुमारी’ में अहम भूमिका में नजर आएंगे।
ओटीटी और थिएटर दोनों का हिस्सा रहे अभिनेता का ओटीटी और थिएटर को लेकर नजरिया स्पष्ट है। उनके लिए दोनों माध्यम बस अभिनेता और इंसान के रूप में बढ़ने का जरिया हैं। रोहित कहते हैं, “मैं बहुत लकी हूं। ओटीटी ने मुझे दर्शकों से जोड़ा और पहचान दी। वहीं, फिल्में मुझे नई चुनौतियों और बड़े मंच का मौका दे रही हैं। लेकिन, मेरे लिए यह ओटीटी बनाम थिएटर नहीं है। यह हमेशा उन कहानियों के बारे में है जो लोगों के दिल को छू जाएं, चाहे वे कहीं भी हों। मेरा मानना है कि ओटीटी और थिएटर में कोई अंतर नहीं होता है, बस कहानी दर्शकों को पसंद आनी चाहिए।”
रोहित का मानना है कि उनकी खासियत सादगी और बदलाव को अपनाने की क्षमता में है। वह स्टारडम की चकाचौंध के पीछे नहीं भागते बल्कि ऐसी कहानियां चुनने में यकीन रखते हैं, जो प्रभावशाली हों। वह ‘बॉय-नेक्स्ट-डोर’ की छवि से निकलकर एक मजबूत लीडिंग मैन की भूमिका में ढल रहे हैं।
रोहित की अपकमिंग फिल्म ‘सनी संस्कारी की तुलसी कुमारी’ है, जिसमें वह एक्टर वरुण धवन, सान्या मल्होत्रा और मनीष पॉल के साथ अहम भूमिका में नजर आएंगे।
फिल्म का निर्देशन शशांक खेतान कर रहे हैं। वहीं, निर्माण की जिम्मेदारी धर्मा प्रोडक्शंस के पास है।
–आईएएनएस
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