नई दिल्ली, 11 दिसंबर (आईएएनएस)। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ पर निशाना साधते हुए उन्हें सरकार का सबसे बड़ा प्रवक्ता बताया। जिसे लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच बयानबाजियों का दौर शुरू हो गया है।
राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने कहा कि यह बहुत गंभीर मामला है और मैं इसे छोटा विषय नहीं मानता। हमारे देश में उपराष्ट्रपति का पद बहुत सम्मानित होता है। मेरा मानना है कि संसद में विपक्ष के प्रति उपेक्षा की कोई भावना नहीं होनी चाहिए। सदन का संचालन तभी सुचारू रूप से चल सकता है, जब विपक्ष को उचित सम्मान मिलता है। विपक्ष का मानना है कि इस सरकार के दस साल के कार्यकाल में उन्हें सम्मान नहीं मिल रहा है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज शेखर कुमार यादव के वीएचपी के कार्यक्रम में शामिल होने और एनआरसी का समर्थन करने पर विवेक तन्खा ने कहा कि सबसे पहले सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और हाईकोर्ट से रिपोर्ट मांगी है। इस मामले में संसद के पास भी महाभियोग के अधिकार हैं। मुझे लगता है कि जज साहब ने लक्ष्मण रेखा लांघने का काम किया है। इसको लेकर कई संसद सदस्यों में नाराजगी है। हम लोग संविधान की मर्यादाओं से बंधे हुए लोग हैं। ऐसे में मेरा मानना है कि हमें संविधान के नियमों का पालन करना चाहिए। संविधान का सम्मान हमारे साथ शुरू होना चाहिए।
मल्लिकार्जुन खड़गे के बयान पर भाजपा सांसद रवि किशन ने कहा कि हम उनके दर्द को बखूबी समझ रहे हैं। उन्हें हरियाणा के साथ चुनावी राज्यों में मिली हार का दर्द सता रहा है। ये हार का गम है क्योंकि हम महाराष्ट्र में जीत गए। जनता जानती है कि ये लोग जहां सत्ता में हैं, वहां क्या कर रहे हैं। देश की जनता ऐसे लोगों को खारिज कर चुकी है और आने वाले 20 से 25 सालों में कांग्रेस पार्टी सत्ता से दूर ही नजर आने वाली है। ये कुछ और नहीं केवल और केवल हार की निराशा और हताशा है।
–आईएएनएस
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