बिहार में तीव्र औद्योगिक विकास पर 26 हजार करोड़ खर्च किए जाएंगे: नीतीश कुमार

पटना, 6 दिसंबर (आईएएनएस)। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को कहा कि बिहार में अब उद्योगों की स्थापना के लिए सभी गुणवत्तापूर्ण आधारभूत संरचनाएं उपलब्ध हैं। राज्य में कानून का राज स्थापित है और विधि व्यवस्था की स्थिति काफी बेहतर है। हमलोग यह भी कोशिश कर रहे हैं कि प्रदेश के युवाओं को रोजगार के लिए राज्य से बाहर नहीं जाना पड़े। उन्होंने कहा कि बिहार में तीव्र औद्योगिक विकास पर 26 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि बिहार को पूर्वी भारत का नया टेक हब बनाने के उद्देश्य से डिफेंस कॉरिडोर, सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग पार्क, ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर, मेगा टेक सिटी एवं फिनटेक सिटी की स्थापना के लिए कार्य योजना के निर्माण तथा उसके कार्यान्वयन के सतत अनुश्रवण के लिए शीर्ष समिति का गठन किया गया है।
उन्होंने कहा कि बिहार को एक ‘वैश्विक-बैक एंड हब’ एवं ‘ग्लोबल वर्क प्लेस’ के रूप में विकसित एवं स्थापित करने के लिए कार्य योजना बनाकर उसके कार्यान्वयन के लिए सतत अनुश्रवण करने के लिए एक शीर्ष समिति का गठन किया गया है। इसके अलावा प्रतिभाशाली युवाओं एवं उद्यमियों को राज्य अंतर्गत स्टार्टअप एवं अन्य न्यू एज इकोनॉमी क्षेत्रों के रोजगारोन्मुखी गतिविधियों को विस्तारित करने के लिए कार्य योजना बनाकर उसके कार्यान्वयन एवं सतत अनुश्रवण की व्यवस्था की गई है।
उन्होंने आगे लिखा, “गयाजी के डोभी में लगभग 1,700 एकड़ में फैले इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर (आईएमसी) की स्थापना प्रक्रिया को तीव्र गति से आगे बढ़ाया जा रहा है और जल्द ही उसका शुभारंभ भी कर दिया जाएगा। राज्य के 29 जिलों के 14,036 एकड़ भूमि पर फैले आईएमसी मॉडल की तर्ज पर 31 नए अत्याधुनिक औद्योगिक पार्क स्थापित किए जाएंगे, जिसमें 10 सेक्टर-विशेष पार्क जैसे कि टेक्सटाइल पार्क, फार्मा पार्क आदि शामिल होंगे।”
उन्होंने आगे बताया कि बिहार को भारत के शीर्ष पांच निवेश अनुकूल राज्यों में सम्मिलित करने के लिए उद्योग विभाग देश-दुनिया के प्रमुख वाणिज्यिक केंद्रों में निवेशक सम्मेलनों का आयोजन करेगा ताकि बड़े से बड़े उद्योगों को आकर्षित किया जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले पांच सालों में 50 लाख करोड़ रुपए के निवेश की कार्ययोजना पर काम शुरू कर दिया है। इसके तहत आधुनिक फूड प्रोसेसिंग और लॉजिस्टिक्स सुविधाओं के साथ पांच नए मेगा फूड पार्क स्थापित करना, राज्य में 10 औद्योगिक पार्क एवं 100 सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम पार्कों को विकसित करना और उद्योग-प्रासंगिक कौशल एवं उद्यमिता में सात लाख लोगों को प्रशिक्षित करना शामिल है। इसके अलावा, स्थानीय उत्पादों के निर्यात एवं बाजार की सुविधा उपलब्ध कराना प्रमुख है।
मुख्यमंत्री ने दावा किया कि राज्य की तेज आर्थिक तरक्की और रोजगार पैदा करने के लिए वृहद पैमाने पर औद्योगीकरण का होना जरूरी है। बिहार सरकार ने इस दिशा में काफी काम किया है। औद्योगिक क्षेत्रों की संख्या जो वर्ष 2005 में 46 थी, वह बढ़कर अब वर्ष 2025 में 94 हो गई है। औद्योगिक इकाइयों की संख्या वर्ष 2005 में 1,674 थी, जो वर्ष 2025 में बढ़कर 3,500 हो गई है।
–आईएएनएस
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