चेन्नई, 28 जनवरी (आईएएनएस)। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मंगलवार को तमिलनाडु के मयिलादुथुराई और चेन्नई के भी कई जिलों में छापेमारी की।
यह छापेमारी सुबह 3:30 बजे शुरू हुआ। जांच एजेंसी ने कुल 20 जगहों पर छापेमारी की। इनमें से मयिलादुथुराई के 15 जगहों पर और चेन्नई में पांच जगहों पर यह छापेमारी की गई। इस छापेमारी में केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु की टीमों के साथ तमिलनाडु पुलिस भी शामिल थी।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई प्रतिबंधित इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जुड़े स्थानों पर की गई थी। एनआईए ने इससे पहले भी तमिलनाडु के तंजावुर, तिरुचि, कोयंबटूर और मदुरै जैसे स्थानों पर पीएफआई के खिलाफ छापेमारी की थी।
इस कार्रवाई का संबंध 2019 में तंजावुर में पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) नेता रामलिंगम की हत्या से है। रामलिंगम की हत्या पीएफआई के सदस्यों द्वारा वंचित समुदायों के बीच जबरन धर्म परिवर्तन का विरोध करने पर की गई थी। एनआईए ने पहले इस मामले में 18 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था।
इसके अलावा, एनआईए ने 24 सितंबर 2024 को तमिलनाडु के विभिन्न स्थानों पर भी छापे मारे थे, जिनका संबंध आतंकी संगठन हिज्ब-उत-तहरीर (एचयूटी) से था। एचयूटी अपने संस्थापक तकी अल-दीन अल-नभानी के संविधान द्वारा शासित इस्लामिक राज्य की स्थापना के उद्देश्य से काम कर रहा था।
एनआईए ने एचयूटी के एक कार्यकर्ता अजीज अहमद को 31 अगस्त 2024 को बेंगलुरु एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया, जब वह देश से भागने की कोशिश कर रहा था। इसके बाद, 1 अगस्त 2024 को तमिलनाडु पुलिस ने एचयूटी से जुड़े छह लोगों को गिरफ्तार किया था। एनआईए इन नेटवर्कों की जांच जारी रखे हुए है और उनकी कट्टरपंथी गतिविधियों को रोकने की कोशिश कर रही है, ताकि राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे से बचाया जा सके।
–आईएएनएस
एसएचके/एएस