नए सेबी चेयरमैन ने पूंजी बाजार नियामक के लिए दिए चार मंत्र
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मुंबई, 2 मार्च (आईएएनएस)। नए सेबी प्रमुख तुहिन कांत पांडे ने पूंजी बाजार नियामक की निरंतर दक्षता सुनिश्चित करने के लिए चार मंत्र – विश्वास, ट्रांसपेरेंसी, टीमवर्क और टेक्नोलॉजी बताए हैं।
यहां बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में सेबी मुख्यालय का कार्यभार संभालने के बाद पांडे ने कहा, “सेबी एक बहुत मजबूत बाजार संस्था है। इसे कई वर्षों से लगातार नेतृत्व के साथ बनाया गया है और यह भविष्य में भी इसी तरह आगे बढ़ेगा।”
पांडे ने पत्रकारों से कहा, “हम विश्वास, ट्रांसपेरेंसी, टीमवर्क और टेक्नोलॉजी के लिए काम करते हैं। हम दुनिया की सबसे अच्छी बाजार संस्थाओं में से एक बनाना जारी रखेंगे।”
विश्वास को “सबसे महत्वपूर्ण” बताते हुए पांडे ने कहा कि सेबी भारत की जनता, संसद, सरकार, निवेशकों और उद्योग हितधारकों का विश्वास बनाए रखता है।
1987 बैच के आईएएस अधिकारी पांडे देश की आर्थिक नीति और वित्तीय प्रशासन को संभालने में समृद्ध अनुभव लेकर आए हैं।
उन्होंने अभी वित्त सचिव और राजस्व विभाग के सचिव के रूप में अपना कार्यकाल पूरा किया है। इस दौरान उन्होंने केंद्रीय बजट बनाने और वैश्विक स्तर पर सबसे अच्छे तरीकों पर आधारित नए आयकर विधेयक का मसौदा तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। नए विधेयक ने आयकर अधिनियम, 1961 की भाषा और संरचना को सरल बना दिया है, जिससे अधिनियम का आकार लगभग 50 प्रतिशत कम हो गया है।
इससे पहले, उन्होंने सरकार में कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया था, जिनमें निवेश और लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (डीआईपीएएम) के सचिव और लोक उद्यम विभाग (डीपीई) के सचिव जैसे पद शामिल थे।
पांडे डीआईपीएएम में सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले सचिवों में से एक हैं, जो सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों में सरकार की हिस्सेदारी के प्रबंधन के लिए जिम्मेदार है।
इन भूमिकाओं में, पांडे ने विनिवेश कार्यक्रमों और सार्वजनिक क्षेत्र के प्रबंधन को तैयार करने में एक प्रमुख भूमिका निभाई।
उन्होंने घाटे में चल रही एयर इंडिया को टाटा समूह को बेचने की देखरेख की, जो राष्ट्रीय खजाने पर पड़ने वाले बोझ को कम करने और वाणिज्यिक एयरलाइन के पुनरुद्धार का मार्ग प्रशस्त करने के लिए सरकार की सबसे महत्वपूर्ण विनिवेश पहलों में से एक थी।
उन्होंने सरकारी स्वामित्व वाले जीवन बीमा दिग्गज एलआईसी की सफल सार्वजनिक लिस्टिंग को भी संभाला, जो देश का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ था।
इसके अलावा, उन्होंने आईडीबीआई बैंक के निजीकरण की प्रक्रिया शुरू की, जो अभी भी जारी है और बिडर अपनी उचित जांच-पड़ताल कर रहे हैं।
पांडे ने पंजाब विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में मास्टर ऑफ आर्ट्स की डिग्री और ब्रिटेन के बर्मिंघम विश्वविद्यालय से एमबीए की डिग्री हासिल की है।
–आईएएनएस
एसकेटी/एएस