न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक पर बैन, किरीट सोमैया ने की धैर्य रखने की अपील


मुंबई, 14 फरवरी (आईएएनेस)। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने मुंबई के न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक पर प्रतिबंध लगा दिया है। आरबीआई का कहना है कि ये प्रतिबंध बैंक की स्थिति में सुधार होने तक लागू रहेंगे। इस पर भाजपा नेता किरीट सोमैया और संजय उपाध्याय ने लोगों से धैर्य रखने की अपील की है।

किरीट सोमैया ने कहा, “न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक पर रिजर्व बैंक ने प्रतिबंध लगाया है। मैं जमाकर्ताओं से कहना चाहता हूं कि आपको 5 लाख रुपए तक की रकम बीमा के तहत मिलेगी। जिनका बैंक में लॉकर है, उन्हें सब सामान वापस ले जाने का मौका दिया जाएगा और जिनके कारण बैंक डूबा है, उन लोगों पर कार्रवाई होगी। आपको धैर्य रखने की जरूरत है।

महाराष्ट्र के भाजपा विधायक संजय उपाध्याय ने कहा, “रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक पर कुछ प्रतिबंध लगाए हैं। चार साल पहले, भारत सरकार ने सहकारी बैंकों के ग्राहकों को राहत देते हुए, उनके पांच लाख रुपये तक के जमा को सुरक्षित किया था। मेरा मानना है कि 90% से अधिक खातों में जमा राशि पांच लाख रुपये से कम होगी, इसलिए मैं ग्राहकों से निवेदन करता हूं कि वे घबराएं नहीं। जिन ग्राहकों के पास पांच लाख से अधिक की राशि है, उनके लिए बैंक के टेकओवर की प्रक्रिया आरबीआई निर्धारित करेगी, इसलिए मैं सभी निवेशकों से धैर्य रखने की विनती करता हूं। मैं भी इस मुद्दे पर पूरी जानकारी प्राप्त करके सभी को न्याय दिलाने का प्रयास करूंगा। मैं भी लोगों से मिलने जाऊंगा। इससे पहले, केवल एक लाख रुपये तक की राशि ही सुरक्षित थी, लेकिन पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक के मुद्दे के बाद सरकार ने इस सीमा को पांच लाख कर दिया, जिससे यह राशि सुरक्षित है। इसके लिए हमें आरबीआई के निर्देशों का इंतजार करना होगा।”

इस प्रतिबंध के बाद पूरे महाराष्ट्र जिले के सभी बैंक खाताधारक अलग-अलग बैंक के जिले में जाकर अपने खाते की जानकारी प्राप्त करते हुए नजर आ रहे हैं। ठाणे जिले के नितिन सिग्नल इलाके के पास न्यू इंडिया बैंक के खाताधारक अपने बकाया रकम का तगादा करने पहुंचे।

इस प्रतिबंध से घबराई हुई एक महिला ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “एक महीने में हमें पैसे वापस चाहिए। रोजमर्रा के खर्च के लिए पैसा कहां से लाएंगे? किसी से उधार ही लेना पड़ेगा। थोड़ा-थोड़ा करके तो हम किसी से उधार नहीं ले सकते। हमारा हर महीने का खर्च तीस-चालीस हजार होता है। जिस फ्लैट में हम रहते हैं, उसका मेंटेनेंस ही पंद्रह-बीस हजार है। तो हम लोग कैसे रहेंगे फिर?”

एक अन्य व्यक्ति किशोर शांताराम ने कहा, “मेरा खाता कम से कम 1992 से चालू है, जब मैं मुंबई आया था। बैंक को मुझे एक मैसेज करना चाहिए था। ये मेरा सैलरी अकाउंट है, मैं मर ही जाऊंगा अगर ऐसा हुआ तो। बैंक के लोग फोन भी नहीं उठा रहे हैं। एक रुपया भी नहीं है, जीरो बैलेंस है।”

दरअसल, इस पाबंदी के चलते बैंक ग्राहक अपने पैसे नहीं निकाल सकते। इसके अलावा, केंद्रीय बैंक ने नए लोन देने, पैसा जमा करने और फिक्स्ड डिपॉजिट पर भी रोक लगा दी है।

–आईएएनएस

पीएसएम/केआर


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