ऑस्ट्रेलिया में नीलकंठ वर्णी की सबसे ऊंची धातु प्रतिमा का अनावरण

नई दिल्ली, 8 मार्च (आईएएनएस)। बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था ने भगवान नीलकंठ वर्णी की ऑस्ट्रेलिया की सबसे ऊंची 49 फुट की धातु प्रतिमा का अनावरण अपने आगामी आध्यात्मिक परिसर में किया। यह प्रतिमा शांति, दृढ़ता और आंतरिक शक्ति की प्रतीक है, जो लोगों को इन शाश्वत मूल्यों को अपनाने के लिए प्रेरित करती है।
सिडनी में प्रतिमा का अनावरण बीएपीएस के आध्यात्मिक गुरु परम पूज्य महंत स्वामी महाराज ने एक भक्तिपूर्ण और पारंपरिक अनुष्ठान के साथ किया। इस भव्य अवसर पर ऑस्ट्रेलिया के जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा मंत्री क्रिस बोवेन मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
अपने संबोधन में मंत्री बोवेन ने बीएपीएस की एकता, निःस्वार्थ सेवा और सांस्कृतिक समरसता को बढ़ावा देने के प्रति समर्पण की सराहना की। इस ऐतिहासिक अवसर पर ऑस्ट्रेलिया के विभिन्न हिस्सों से हजारों भक्त और अन्य लोग एकत्रित हुए, जिससे स्पष्ट हुआ कि बीएपीएस समुदाय वैश्विक स्तर पर गहरी आध्यात्मिक छाप छोड़ रहा है।
नीलकंठ वर्णी प्रतिमा का अनावरण बीएपीएस के नए आध्यात्मिक और सांस्कृतिक परिसर के विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो ऑस्ट्रेलिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक क्षेत्र बनने जा रहा है और 25 एकड़ क्षेत्र में फैला होगा। इस परिसर में भव्य पत्थर से निर्मित मंदिर, शांतिपूर्ण उद्यान और समर्पित सांस्कृतिक स्थान शामिल होंगे, जिन्हें शिक्षा, चिंतन और सामुदायिक सहभागिता को प्रोत्साहित करने के लिए डिजाइन किया गया है।
ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने भी इस परियोजना के महत्व को स्वीकार किया है। ‘न्यूज 9’ ने इस आध्यात्मिक परिसर को ‘पश्चिमी सिडनी का नया अजूबा’ कहा और नीलकंठ वर्णी प्रतिमा को ‘शांति, अनुशासन और दृढ़ता का प्रतीक’ बताया, जो सभी पृष्ठभूमि के लोगों को प्रेरित करेगा।
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि इस परियोजना का आकार 14 फुटबॉल मैदानों के बराबर है। वहीं, बीएपीएस के प्रयासों की सराहना की गई, जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया के बहुसांस्कृतिक परिदृश्य को समृद्ध करने में योगदान दिया है। इसके अतिरिक्त, यह भी रेखांकित किया गया कि यह परिसर, आकाश से दिखाई देने वाला, हवाई अड्डे से आने वाले आगंतुकों के लिए ‘सिडनी की सांस्कृतिक समृद्धि’ की पहली यादगार छवि बनेगा।
परम पूज्य महंत स्वामी महाराज की इस परिसर के प्रति दृष्टि बीएपीएस के आस्था, सेवा और आध्यात्मिक उत्थान के मूल्यों को प्रतिबिंबित करती है। नीलकंठ वर्णी की यह प्रतिमा, जो गहन ध्यान में लीन है, अटल एकाग्रता, आंतरिक शांति और आत्म-अनुशासन की शक्ति का प्रतीक है, जो आज के व्यस्त जीवन में अत्यंत प्रासंगिक है।
नया आध्यात्मिक परिसर सभी पृष्ठभूमि के लोगों के लिए उपासना, सांस्कृतिक शिक्षा और सामाजिक सौहार्द्र का स्थान बनने की आशा रखता है। अपनी भव्यता और गहरी आध्यात्मिक महत्ता के साथ यह परिसर पश्चिमी सिडनी का एक नया प्रतीक और ऑस्ट्रेलिया की समृद्ध बहुसांस्कृतिक पहचान का प्रतीक बनकर उभरेगा।
बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था एक वैश्विक हिंदू संगठन है, जो आध्यात्मिक जीवन, सामाजिक सेवा और सांस्कृतिक संरक्षण के लिए समर्पित है। अपनी स्वयंसेवी पहल के माध्यम से, बीएपीएस निरंतर जीवन को समृद्ध कर रहा है और विश्वभर में मजबूत समुदायों को पोषित कर रहा है।
–आईएएनएस
एबीएम/सीबीटी