इस साल रासायनिक, परमाणु हमलों से निपटने की तैयारी करेगी एनडीआरएफ

इस साल रासायनिक, परमाणु हमलों से निपटने की तैयारी करेगी एनडीआरएफ

दुनिया में बढ़ते तनाव के बीच एनडीआरएफ इस साल रासायनिक, जैविक, रेडियोधर्मी और परमाणु हमलों से निपटने की तैयारी पर फोकस करेगी। एनडीआरएफ के डायरेक्टर जनरल अतुल करवाल ने शुक्रवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में दिए अपने संबोधन में यह जानकारी दी। शुक्रवार को एनडीआरएफ का 19वां स्थापना दिवस मनाया गया। इस दौरान डीजी अतुल करवाल ने कहा कि साल 2014 में एनडीआरएफ रासायनिक, जैविक, रेडियोधर्मी और परमाणु हमलों की तैयारियों और हमले की स्थिति में हालात से निपटने की तैयारी पर फोकस करेगी।

डीजी ने बताया कि नए उपकरण खरीदे जाएंगे
डीजी ने कहा कि ‘केंद्रीय गृह मंत्रालय से इनकी तैयारियों के लिए नए उपकरण भी मंजूर हो गए हैं। एनडीआरएफ इंसानों और पर्यावरण के लिए नुकसानदायक तत्वों से निपटने के लिए सात विशेष HAZMAT वाहनों की खरीद करेगी ताकि रासायनिक, जैविक और परमाणु हमले की स्थिति से निपटा जा सके। एनडीआरएफ में जंगल की आग की घटनाओं से निपटने के लिए तीन टीमें प्रशिक्षित की गई हैं। साथ ही इनके लिए नए उपकरण भी खरीदे जा रहे हैं।’

आठ नए रीजनल रेस्पॉन्स केंद्र बनाने की मिली मंजूरी
अतुल करवाल ने बताया कि गृह मंत्रालय ने आठ नए रीजनल रेस्पॉन्स केंद्र बनाने की मंजूरी दे दी है। इन केंद्रों पर विशेष रूप से प्रशिक्षित टीमों की तैनाती की जाएगी। एनडीआरएफ की स्थापना साल 2006 में की गई थी। मौजूदा समय में एनडीआरएफ में 18 हजार पुरुष और महिला कर्मी शामिल हैं। एनडीआरएफ देशभर में 16 बटालियनों और 28 क्षेत्रीय केंद्रों में तैनात है। इंसानों द्वारा जनित या फिर प्राकृतिक आपदा जैसे भूकंप, बाढ़, रेल हादसे आदि में एनडीआरएफ राहत और बचाव अभियान चलाती है।

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