मुख्तार के भाई अफजाल अंसारी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ा झटका

मुख्तार के भाई अफजाल अंसारी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ा झटका

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने गाजीपुर से सांसद अफजाल अंसारी द्वारा दायर आपराधिक अपील पर सुनवाई 13 मई तक के लिए शुक्रवार को टाल दी। अंसारी ने गाजीपुर की एक अदालत द्वारा गैंगस्टर मामले में दोषसिद्धि और 4 साल की सजा को चुनौती देते हुए यह अपील दायर की है। वर्ष 2005 में भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के बाद अफजाल पर गैंगस्टर कानून के तहत यह मामला दर्ज किया गया था। न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने अफजाल द्वारा दायर इस अपील के साथ ही इसी मामले में अंसारी की सजा बढ़ाने की मांग वाली प्रदेश सरकार की अपील और कृष्णानंद राय के बेटे पीयूष राय द्वारा दायर आपराधिक पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई की अगली तिथि 13 मई तय करने का निर्देश दिया। कृष्णानंद राय के बेटे ने अफजाल की सजा बढ़ाने की मांग करते हुए यह याचिका दायर की है।

सांसद अफजाल अंसारी की याचिका पर सुनवाई 13 मई तक टली
मिली जानकारी के मुताबिक, इससे पूर्व, गाजीपुर की एमपी-एमएलए अदालत द्वारा 29 अप्रैल, 2023 को दिए गए निर्णय के बाद अफजाल सांसद के तौर पर अयोग्य हो गए थे। निचली अदालत ने अंसारी को दोषी करार देते हुए 4 साल की सजा सुनाई थी और उन पर एक लाख रुपये जुर्माना लगाया था। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 24 जुलाई, 2023 को पूर्व सांसद को जमानत दे दी थी, लेकिन इस मामले में उनकी सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। इसके परिणाम स्वरूप, अफजाल को जेल से रिहा कर दिया गया, लेकिन उनकी संसद सदस्यता बहाल नहीं हुई थी। इसके अलावा, अंसारी लोकसभा चुनाव लड़ने के अयोग्य हो गए थे क्योंकि उन्हें दो साल से अधिक की सजा हुई थी।

अफजाल अंसारी पर गैंगस्टर कानून के तहत दर्ज किया गया था मामला
उच्चतम न्यायालय के एक निर्णय के मुताबिक, यदि एक व्यक्ति को 2 साल से अधिक की सजा होती है तो वह आगामी विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव नहीं लड़ सकता। हालांकि, बाद में उच्चतम न्यायालय ने इस मामले में उनकी सजा पर रोक लगा दी थी जिसके परिणाम स्वरूप, उनकी संसद सदस्यता बहाल हो गई थी और वह लोकसभा चुनाव लड़ने के पात्र हो गए। हालांकि, उच्चतम न्यायालय ने उच्च न्यायालय में लंबित आपराधिक अपील पर तेजी से सुनवाई करने और 30 जून तक निर्णय करने का निर्देश दिया था। भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की 2005 में हत्या में अफजाल अंसारी की कथित संलिप्तता के आधार पर गाजीपुर के मोहम्मदाबाद थाना में उन पर गैंगस्टर कानून के तहत मामला दर्ज किया गया था।

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