सिंधु जल संधि निलंबित होने से पाकिस्तान की 40 प्रतिशत से अधिक फसलें नष्ट : रक्षा विशेषज्ञ विजय सागर

जम्मू, 15 मई (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पिछले महीने हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत के ‘सिंधु जल संधि’ को निलंबित करने से पाकिस्तान बुरी तरह बौखला गया है। पाकिस्तान ने भारत से अपने फैसले पर पुनर्विचार की अपील की है। इस पर रक्षा विशेषज्ञ ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) विजय सागर ने कहा कि पाकिस्तान ने भारत को एक पत्र लिखकर बताया कि उनकी 40 प्रतिशत से अधिक फसलें नष्ट हो गई हैं।
पूर्व सैन्य अधिकारी ने गुरुवार को कहा कि भारत ने पाकिस्तान को हराने के लिए योजनाएं बना रखी हैं। इसके मुताबिक, अल्पकालिक, मध्यम-अवधि और दीर्घकालिक रणनीतियों को क्रियान्वित किया जा रहा है।
उन्होंने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत के दौरान कहा कि सिंधु जल संधि निलंबित होने के बाद हमने अपने बांधों से गाद निकालने का काम किया और साथ ही पाकिस्तान के लिए बाढ़ की स्थिति पैदा कर दी, जिससे उनकी फसलों को काफी नुकसान हुआ।
उन्होंने कहा कि सिंधु जल संधि खत्म होने के चलते हमने पानी का डाटा देना बंद कर दिया। इस दौरान पानी का प्रवाह रोक दिया गया और बगलिहार बांध और सलाल बांध को भरना शुरू कर दिया। इससे उनकी फसलें बर्बाद हो गईं और उन्हें बिजली की किल्लत का सामना भी करना पड़ा।
उन्होंने कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकवादी हमले का बदला लेने की सरकार ने योजना बनानी शुरू कर दी थी और 23 अप्रैल को हुई सीसीएस की बैठक में सिंधु जल संधि को निलंबित करने का निर्णय लिया गया था। हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी दी थी।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मई को राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा था कि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते हैं। बताया जा रहा है कि भारत अब तीनों ऊपरी नदियों के पानी का अपने लिए इस्तेमाल करने की योजना बना रहा है। इस पर तुरंत काम शुरू कर दिया गया है। इसके अलावा, मध्यकालिक और दीर्घकालिक योजनाओं को भी अंतिम रूप दिया जा रहा है।
–आईएएनएस
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