प्रयागराज महाकुंभ मेला में 1,000 से अधिक 'कुंभ मेला मित्रों' और 'स्वयं सेवकों' की होगी तैनाती

प्रयागराज महाकुंभ मेला में 1,000 से अधिक 'कुंभ मेला मित्रों' और 'स्वयं सेवकों' की होगी तैनाती

प्रयागराज, 9 सितंबर (आईएएनएस)। महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों की बेहतरी और सुरक्षा को देखते हुए प्रदेश सरकार ने 1,000 से अधिक ‘कुंभ मेला मित्रों’ की नियुक्ति करने का निर्णय लिया है। इसके ल‍िए चयन की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

कुंभ मेला अधिकारी विजय किरण आनंद ने बताया कि मेला क्षेत्र में 1,000 से अधिक ‘कुंभ मेला मित्रों’ और ‘स्वयं सेवकों’ के चयन की प्रक्रिया चल रही है। इसके बाद सभी को मेला क्षेत्र में प्रतिकूल परिस्थितियों में कार्य करने के लिए स्किल ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके लिए मेला प्राधिकरण ने आरएफपी जारी की है। इसके अलावा कुंभ में आए पर्यटकों से अच्छा व्यवहार करने के लिए 6,000 से अधिक पुलिसकर्मियों को भी स्किल ट्रेनिंग दी जाएगी।

उन्होंने बताया कि सरकार इन ‘कुंभ मेला मित्रों’ और ‘स्वयं सेवकों’ को मेला क्षेत्र के साथ बाहर भी तैनात करेगी। इनमें कुंभ मेला क्षेत्र और बाहर तैनात कुंभ मेला मित्र श्रद्धालुओं को कुंभ क्षेत्र में रास्ता दिखाने, बुजुर्ग श्रद्धालुओं की जरूरत पर भारी बैग उठाने, भूले-भटके श्रद्धालुओं को मिलाने, घाटों पर श्रद्धालुओं को मदद करने, मेला क्षेत्र में स्वच्छता के प्रति श्रद्धालुओं को जागरूक करने, बीमार श्रद्धालुओं का उपचार कराने, दुर्घटना होने पर पुलिस के साथ उनका सहयोग करने, यातायात व्यवस्था दुरुस्त करने में सहयोग और भीड़ प्रबंधन में सहयोग आदि महत्वपूर्ण काम करेंगे।

कुंभ को और अलौकिक बनाने के लिए तरह-तरह की लाइट लगाई जा रही है, जो श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों का स्वागत करती नजर आएंगी। शहर को दूसरे जिलों को जोड़ने वाले और शहरी क्षेत्र में संगम की तरफ जाने वाले हर मार्ग पर थीमेटिक लाइटें लगाई जाएंगी, जो कलश, शंख, तीर-धनुष, डमरू और त्रिशूल की आकृतियों में कुंभ की भव्यता को और निखारेंगे।

2025 महाकुंभ से पहले भी प्रयागराज को और भी निखारने की कोशिश की जा रही है। महाकुंभ के पहले एयरपोर्ट रोड को शहर की सबसे आकर्षक और चुनिंदा सड़कों के रूप में विकसित किया जाएगा।

बता दें कि महाकुंभ मेला जनवरी 2025 से प्रयागराज में आयोजित होने वाला है। उत्तर प्रदेश सरकार बड़े पैमाने पर तैयारियां कर रही है, क्योंकि महाकुंभ 12 साल के अंतराल के बाद आयोजित हो रहा है। यह मेला दुनिया का सबसे विशाल, पवित्र, धार्मिक और सांस्कृतिक मेला है, जो 45 दिनों तक चलता है।

–आईएएनएस

विकेटी/एससीएच

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