बंगाल में बाबर की विचारधारा को फिर से जिंदा करने की कोशिश हो रही: मोहसिन रजा

लखनऊ, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। भाजपा नेता मोहसिन रजा ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) पर बाबरी मस्जिद फाउंडेशन एक्ट को लेकर तीखा हमला बोला है। उन्होंने बंगाल में हुमायूं कबीर के मस्जिद निर्माण की भूमिका पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि राज्य सरकार की सुरक्षा में ऐसे कदम उठाए जा रहे हैं, जो देश की मूल विचारधारा के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि बाबर की विचारधारा को फिर से जिंदा करने की कोशिश हो रही है।
मोहसिन रजा ने आईएएनएस से बातचीत करते हुए कहा कि ऐसी विवादित गतिविधियां उनकी सुरक्षा में कैसे हो रही हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी इसका जवाब देना चाहिए। ऐसा लगता है कि बाबर की विचारधारा को फिर से जिंदा करने की कोशिश हो रही है। अगर ऐसा है तो ये लोग घुसपैठिए भी हो सकते हैं, क्योंकि यही लोग इन पार्टियों को सत्ता में लाने में मदद करते हैं और बदले में सुरक्षा पाते हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि मस्जिद मोहम्मद साहब के नाम पर नहीं, बल्कि बाबर के नाम पर बनाई जा रही है, जो आक्रांताओं की विचारधारा को बढ़ावा देने जैसा है। रजा ने कहा कि एजेंसियों को इसकी पूरी जांच करनी चाहिए कि ये लोग कौन हैं और कहां से आए हैं।
उन्होंने कहा कि पूरा विपक्ष बाबर की विचारधारा पर चल रहा है। देश अब साफ देख चुका है कि इनका चाल-चरित्र और सोच कैसी है। ये भारत की विचारधारा पर चलने वाले लोग नहीं हैं।
भाजपा नेता ने योगी सरकार के कार्यकाल में हुए बदलावों का उल्लेख करते हुए कहा कि एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम में सुधार किए गए हैं और मदरसों को मुख्यधारा की शिक्षा से जोड़ा गया है।
उन्होंने कहा कि आज मदरसों में पढ़ने वाले मुस्लिम बच्चे डॉक्टर और इंजीनियर बनने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। उन्हें धार्मिक कट्टरपंथ से दूर रखने और आधुनिक शिक्षा देने की पहल की गई है। अब वे सिर्फ टोपी पहनने तक सीमित नहीं हैं, बल्कि टाई पहनकर आम नागरिकों की तरह समाज में आगे बढ़ सकते हैं और देश की सेवा कर सकते हैं।
मोहसिन रजा ने नवजोत कौर सिद्धू के उस बयान पर भी प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने कहा था कि जो भी 500 करोड़ का सूटकेस देगा, वही पंजाब का सीएम बनेगा।
मोहसिन रजा ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि मुझे नहीं लगता कि नवजोत कौर सिद्धू के बारे में ज्यादा कुछ कहने की जरूरत है। मैं दोहरे चरित्र वाले लोगों पर टिप्पणी नहीं करता। जब किसी इंसान का चरित्र ही दोहरा हो, तो आगे चर्चा की कोई आवश्यकता नहीं रह जाती।
–आईएएनएस
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