इजरायली हवाई अड्डे और अमेरिकी विमानवाहक पोत पर किया मिसाइल अटैक : हूती विद्रोही

सना, 20 मार्च (आईएएनएस)। यमन के हूती विद्रोहियों ने दावा किया है कि उन्होंने गुरुवार सुबह इजरायल के तेल अवीव स्थित बेन गुरियन हवाई अड्डे पर लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल से हमला किया।
हूती सैन्य प्रवक्ता याह्या सरिया ने अल-मसीरा टीवी पर एक बयान में कहा, “हमने एक हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल से तेल अवीव के बेन गुरियन हवाई अड्डे को निशाना बनाकर एक सफल सैन्य अभियान चलाया।”
हूती प्रवक्ता याह्या सरिया ने यह भी दावा किया कि उनके समूह ने उसी दिन सुबह उत्तरी लाल सागर में अमेरिकी विमानवाहक पोत यूएसएस हैरी ट्रूमैन पर एक नया हमला किया। यह हमला पांचवीं बार किया गया था, जिसमें बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलों तथा ड्रोन का इस्तेमाल किया गया।
सरिया ने दावा किया कि यह हमला शनिवार से शुरू हुए उन हवाई हमलों का बदला था, जो अमेरिका ने (हूती नियंत्रित) सना राजधानी में नागरिक ठिकानों पर किए। बता दें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हूती ग्रुप के खिलाफ हवाई हमलों को फिर से शुरू करने की घोषणा की, ताकि उसे इजरायल के शहरों, इजरायली जहाजों और लाल सागर में अमेरिकी युद्धपोतों पर हमला करना बंद करने के लिए मजबूर किया जा सके।
सिन्हुआ समाचार एजेंसी के मुताबिक, हमले पर इजरायल या अमेरिकी पक्ष की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई। हालांकि, इजरायल रक्षा बलों (आईडीएफ) ने एक बयान जारी किया और कहा कि उन्होंने यमन से लॉन्च की गई मिसाइल को रोक लिया था।
आईडीएफ ने बताया कि मिसाइल की वजह से तेल अवीव और इजरायल के मध्य और दक्षिणी हिस्सों में सायरन बजाए, लेकिन वायु सेना ने उसे इजरायली क्षेत्र में घुसने से पहले ही नष्ट कर दिया।
हूती बलों ने इजरायल पर हमले फिर से शुरू कर दिए हैं। दरअसल इजरायल मंगलवार तड़के से युद्ध विराम को तोड़ते हुए हवाई हमले शुरू कर दिए। इजरायली एयर स्ट्राइक में 400 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है।
मंगलवार को भी हूती विद्रोहियों ने दक्षिणी इजरायल में एक सैन्य अड्डे पर बैलिस्टिक मिसाइल दागी, लेकिन इजरायली सेना ने उसे अपने क्षेत्र में प्रवेश करने से पहले ही रोक लिया।
बता दें नवंबर 2023 से, हूती ग्रुप ने गाजा में इजरायली हमलों के विरोध में और फिलिस्तीनियों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए लाल सागर में इजरायल से जुड़े जहाजों और इजरायली शहरों पर दर्जनों ड्रोन और रॉकेट हमले किए। बाद में यूएस और ब्रिटिश जहाजों निशाना बनाया जाने लगा। इस बीच यूएस-ब्रिटिश नौसेना गठबंधन ने हूती ग्रुप को रोकने के लिए हवाई हमले और मिसाइल हमले किए।
–आईएएनएस
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