विदेश मंत्रालय ने पासपोर्ट सेवा कार्यक्रम और ई-पासपोर्ट की सफल शुरुआत की


नई दिल्ली, 12 नवंबर (आईएएनएस)। विदेश मंत्रालय ने हाल ही में पासपोर्ट सेवा कार्यक्रम (पीएसपी) के उन्नत संस्करण (पीएसपी वी2.0) और वैश्विक पासपोर्ट सेवा कार्यक्रम (जीपीएसपी वी2.0) के सफल क्रियान्वयन की घोषणा की। इसके साथ ही मंत्रालय ने ई-पासपोर्ट की शुरुआत भी की, जो भारतीय नागरिकों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

मिली जानकारी के अनुसार, इसी साल 26 मई को भारत के सभी 37 पासपोर्ट कार्यालयों, 93 पासपोर्ट सेवा केंद्रों (पीएसके) और 450 डाकघर पासपोर्ट सेवा केंद्रों में पीएसपी वी2.0 को लागू कर दिया गया था। इसके बाद, 28 अक्टूबर को दुनिया भर के भारतीय दूतावासों और वाणिज्य दूतावासों में जीपीएसपी वी2.0 का शुभारंभ हुआ। इस कदम से भारतीय नागरिकों को पासपोर्ट से संबंधित सेवाओं में सुधार और तेजी मिलेगी।

पीएसपी वी2.0 में डिजिटल रूप से एकीकृत पारिस्थितिकी तंत्र की पेशकश की गई है, ताकि पासपोर्ट सेवाओं से जुड़े सभी हितधारकों को आसानी से जोड़ा जा सके।

इसमें एआई संचालित चैट और वॉयस बॉट्स की सुविधा दी गई है, जिनकी मदद से नागरिक आवेदन भरते समय या शिकायतों के समाधान में सहायता प्राप्त कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, नई पासपोर्ट वेबसाइट और मोबाइल ऐप के जरिए यूजर्स को स्वचालित रूप से भरे गए फॉर्म, सरल दस्तावेज अपलोड और यूपीआई और क्यूआर कोड के माध्यम से आसान ऑनलाइन भुगतान की सुविधा दी जा रही है।

ई-पासपोर्ट का लॉन्च मंत्रालय की एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह हाइब्रिड पासपोर्ट में कागज और इलेक्ट्रॉनिक दोनों तत्व शामिल हैं। इसमें एक आरएफआईडी चिप और एंटीना होता है, जो डेटा को सुरक्षित रूप से संग्रहित करता है और बेहतर सुरक्षा प्रदान करता है। भविष्य में, सभी नए जारी किए गए पासपोर्ट ई-पासपोर्ट होंगे, जबकि मौजूदा पासपोर्ट समाप्ति तक वैध रहेंगे।

विदेश मंत्रालय का यह कदम नागरिकों के जीवन को आसान बनाने के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप सेवाएं प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। पीएसपी वी2.0, जीपीएसपी वी2.0 और ई-पासपोर्ट की शुरुआत से भारतीय पासपोर्ट धारकों को तेज, सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा अनुभव मिलेगा।

विदेश मंत्रालय की तरफ से लगातार पासपोर्ट सेवा केंद्रों पर सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है, जिससे नागरिकों को कम समय में और बिना किसी परेशानी के सारी सेवाएं मिल सकें।

–आईएएनएस

एसएके


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