मेक्सिकन राष्ट्रपति ने स्टील, एल्युमीनियम पर अमेरिकी टैरिफ को 'अनुचित' बताया


मेक्सिको सिटी, 5 जून (आईएएनएस)। मेक्सिकन राष्ट्रपति क्लाउडिया शिनबाम ने बुधवार को स्टील और एल्युमीनियम आयात पर अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ में की गई बढ़ोतरी को ‘अनुचित’, ‘अस्थायी’ और ‘कानूनी आधार’ पर गलत बताया है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में शिनबाम ने कहा कि यह कार्रवाई, जो यूनाइटेड किंगडम को छोड़कर सभी देशों पर लागू होती है, मेक्सिको के लिए अनुचित है। मेक्सिको जितना निर्यात करता है, उससे कहीं ज्यादा स्टील और एल्युमीनियम आयात करता है।

शिनबाम ने कहा, “आमतौर पर घाटे की स्थिति में टैरिफ लगाया जाता है, लेकिन हम ज्यादा स्टील आयात करते हैं, इसलिए यह अनुचित है। इसके अलावा मेक्सिको और यूनाइटेड स्टेट्स एक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट में भागीदार हैं, इसलिए मेक्सिकन सरकार के नजरिए से टैरिफ का कोई कानूनी आधार नहीं है।”

सिन्हुआ समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका का कहना है कि टैरिफ व्यापार की तुलना में राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं पर अधिक विचार करता है।

शिनबाम ने कहा, “अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा के कारणों से इस पर विचार किया जा रहा है और कल ही, व्हाइट हाउस के प्रवक्ता ने कहा कि सुरक्षा मुद्दे सहित सभी मोर्चों पर मेक्सिको के साथ बहुत बेहतर सहयोग है। इसलिए हमें नहीं लगता कि यह सही है। ये टैरिफ अस्थिर साबित होगा, क्योंकि जैसे कई ऑटो पार्ट्स सीमा के एक तरफ से दूसरी तरफ जाते हैं, वैसा ही स्टील के साथ भी होता है।”

शीनबाम ने कहा कि वह दिन में इंडस्ट्री लीडर्स से मुलाकात करेंगी, ताकि रणनीतियां पेश की जा सकें। उनके इकोनॉमी सेक्रेटरी मार्सेलो एब्रार्ड, इस हफ्ते अमेरिकी अधिकारियों के साथ बातचीत की तैयारी कर रहे हैं, ताकि एक समझौता हो सके।

उन्होंने कहा, “पचास प्रतिशत टैरिफ, स्टील और एल्यूमिनियम इंडस्ट्री पर एक बड़ा प्रभाव डालता है। 25 प्रतिशत पहले ही समस्याएं पैदा कर चुका था।”

शीनबाम ने कहा, “अगर कोई समझौता नहीं हुआ, तो अगले हफ्ते उनकी सरकार यह घोषित करेगी कि कौन से कदम उठाए जाएंगे। यह आंख के बदले आंख की बात नहीं है। इसका उद्देश्य इंडस्ट्री और इसके द्वारा पैदा किए जाने वाले रोजगार को सपोर्ट करना है, जो बहुत जरूरी है।”

मेक्सिकन राष्ट्रपति ने कहा, “हमें उम्मीद है कि एक समझौता हो जाएगा। अगर नहीं हुआ, तो हम भी कुछ घोषित करेंगे। यह बदले की बात नहीं है। यह संरक्षण का मामला है।”

–आईएएनएस

आरएसजी/जीकेटी


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