मायावती ने गौतमबुद्ध पार्क में सीनियर केयर सेंटर के निर्माण पर उठाए सवाल, तत्काल रोक लगाने की मांग की


लखनऊ, 8 सितंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने सोमवार को मुरादाबाद के मशहूर गौतम बुद्ध पार्क में सीनियर केयर सेंटर के निर्माण को लेकर चिंता जाहिर की। इसके साथ उन्होंने यूपी सरकार से सीनियर केयर सेंटर पर तत्काल रोक लगाने की भी मांग की।

बसपा प्रमुख मायावती ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि गौतमबुद्ध पार्क में नगर निगम मुरादाबाद द्वारा सीनियर केयर सेंटर का निर्माण किया जा रहा है, जिससे लोगों में रोष व्याप्त है और अशांति का माहौल बना है। सरकार सीनियर केयर सेंटर पर तत्काल रोक लगाएं।

इसके अलावा उन्होंने प्रदेश में चार मेडिकल कॉलेजों में अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के लिए आरक्षण व्यवस्था में बदलाव को लेकर चिंता जाहिर की।

मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ”उत्तर प्रदेश के जनपद मुरादाबाद में प्रसिद्ध कांशीराम जी नगर में स्थित तथागत गौतम बुद्ध पार्क शहर का सबसे लोकप्रिय पार्क है, जो बौद्ध धर्म एवं बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर और कांशीराम एवं विभिन्न वर्गों, विशेषकर बहुजन समाज के अनुयायियों की आस्था का स्थल है। लेकिन, प्राप्त जानकारी के अनुसार गौतमबुद्ध पार्क में नगर निगम मुरादाबाद द्वारा सीनियर केयर सेंटर का निर्माण किया जा रहा है, जिससे लोगों में रोष व्याप्त है तथा अशांति का माहौल बना है। सरकार सीनियर केयर सेंटर पर तत्काल रोक लगाएं ताकि समाज में शांति-व्यवस्था और आपसी भाईचारे का वातावरण बिगड़ने ना पाए।”

बसपा प्रमुख ने अगले पोस्ट में लिखा, ”इसके साथ ही, भारत सरकार द्वारा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के कल्याण हेतु, स्पेशल कम्पोनेन्ट प्लान के तहत उत्तर प्रदेश में चार मेडिकल कॉलेजों की स्थापना की गई थी, जिनमें भारत सरकार के निर्देशानुसार इन वर्गों को 70 प्रतिशत सीटें आवंटित की गई थीं। अब इन चारों मेडिकल कॉलेजों में न्यायालय द्वारा अन्य मेडिकल कॉलेजों की भांति ही अनुसूचित जाति को 21 प्रतिशत आरक्षण व अनुसूचित जनजाति को 2 प्रतिशत का आदेश पारित किया गया है। उत्तर प्रदेश सरकार कमजोर वर्ग के व्यक्तियों के हित को ध्यान में रखते हुए न्यायालय के समक्ष वास्तविक तथ्य प्रस्तुत कर न्यायालय द्वारा पारित आदेश निरस्त करवाए ताकि कमजोर लोगों का हित सुरक्षित रह सके।”

–आईएएनएस

एसके/एएस


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