मारुति सुजुकी इंडिया ने हरियाणा के खरखौदा प्लांट में कमर्शियल प्रोडक्शन किया शुरू

नई दिल्ली, 25 फरवरी (आईएएनएस)। घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देते हुए मारुति सुजुकी इंडिया ने मंगलवार को कहा कि उसने हरियाणा के खरखौदा प्लांट में कमर्शियल प्रोडक्शन शुरू कर दिया है।
इस प्लांट की आधारशिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगस्त 2022 में वर्चुअल मोड के जरिए रखी थी।
ऑटोमेकर ने एक बयान में कहा कि शुरुआत में खरखौदा प्लांट की सालाना उत्पादन क्षमता 250,000 यूनिट होगी और यहां कॉम्पैक्ट एसयूवी ब्रेजा का उत्पादन किया जाएगा।
कंपनी ने बताया, “इसके साथ ही मारुति सुजुकी, जिसमें मारुति सुजुकी की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी सुजुकी मोटर गुजरात प्राइवेट लिमिटेड भी शामिल है, की कुल सालाना उत्पादन क्षमता 2.6 मिलियन यूनिट हो जाएगी।”
पिछले हफ्ते मारुति सुजुकी इंडिया की मूल कंपनी सुजुकी मोटर कॉरपोरेशन ऑफ जापान ने अपनी रणनीति में ‘रिथिंक’ के साथ एक नए मिड-टर्म प्लान की घोषणा की, क्योंकि “भारत में बाजार हिस्सेदारी में गिरावट” और बढ़ते इलेक्ट्रिक वाहन सेगमेंट के कारण कंपनी के कारोबारी माहौल में बदलाव आया है।
मारुति सुजुकी का लक्ष्य भारत में 50 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी हासिल करने और देश को वैश्विक निर्यात केंद्र के रूप में इस्तेमाल करने के लिए सालाना 4 मिलियन कारों का उत्पादन करने की विनिर्माण क्षमता बनाना है।
2025-30 के लिए अपने नए मिड-टर्म प्लान में कंपनी ने भारत को अपना “सबसे महत्वपूर्ण बाजार” के रूप में पहचाना है।
ऑटो प्रमुख ने ई-विटारा से शुरू कर अपने ईवी लाइनअप का विस्तार करने की योजना बनाई है। कंपनी ने वित्त वर्ष 2030 तक चार नए ईवी मॉडल लॉन्च करने का लक्ष्य रखा है। कंपनी के प्रतिद्वंद्वियों टाटा मोटर्स और महिंद्रा एंड महिंद्रा के पास भारत में पहले से ही अलग-अलग ईवी पोर्टफोलियो हैं।
मारुति सुजुकी वर्तमान में भारत से सालाना तीन लाख वाहनों का निर्यात कर रही है। इस दशक के अंत तक, यह प्रति वर्ष 7.5-8 लाख इकाइयों के निर्यात का लक्ष्य बना रही है।
सुजुकी मोटर ने प्रोडक्शन, नए मॉडल उत्पादन और गुणवत्ता उपायों के लिए पूंजीगत व्यय के रूप में 1,200 बिलियन येन (लगभग 7,000 करोड़ रुपये) का निवेश करने की योजना बनाई है।
–आईएएनएस
एसकेटी/केआर