नई दिल्ली, 9 दिसंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कुआलालंपुर से सफलतापूर्वक लौटने पर भारतीय बधिर टीम को सोमवार को सम्मानित किया। 10वें एशिया-प्रशांत बधिर खेलों में 55 पदक जीतने वाली टीम ने 2015 में अपनी पिछली भागीदारी की तुलना में 11 गुना अधिक पदक जीते थे। तब भारत ने 5 पदक जीते थे।
42 पुरुषों और 26 महिलाओं सहित 68 सदस्यीय भारतीय टीम ने अभूतपूर्व 8 स्वर्ण, 18 रजत और 29 कांस्य पदक जीते और 21 देशों के बीच पांचवें स्थान पर रही, जो 1984 में इसके उद्घाटन संस्करण के बाद से चतुर्भुज टूर्नामेंट में उनका अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।
इससे पहले, भारतीय टीम ने ताइवान में 2015 के संस्करण में 5 पदक (2 स्वर्ण, 3 रजत) जीते थे, जो 23 देशों में से नौवें स्थान पर रही थी। हांगकांग में राजनीतिक अशांति के कारण 2019 का संस्करण रद्द कर दिया गया था।
केंद्रीय मंत्री ने अपने आवास पर एक विशेष बातचीत के दौरान कोच और सहयोगी स्टाफ सहित भारतीय टीम को बधाई दी। “मैं मलेशिया में एशिया-प्रशांत बधिर खेलों में 55 पदक जीतकर देश का गौरव और सम्मान बढ़ाने के लिए भारतीय बधिर टीम को बधाई देना चाहता हूं। जब आप राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करते हैं तो आप सिर्फ अपने लिए नहीं जीतते, बल्कि आपके साथ देश भी जीतता है।”
“2015 में हमने एक छोटी टीम भेजी थी और कम पदकों के साथ लौटे थे। लेकिन मुझे यह बताते हुए बेहद खुशी हो रही है कि इस बार 68 खिलाड़ियों ने 7 अलग-अलग विषयों में प्रतिस्पर्धा की और उन्होंने एशिया-पैसिफिक डेफ गेम्स में 55 पदक जीते हैं। मुझे बहुत गर्व है कि देश में सकारात्मक बदलाव हो रहा है और यह सही दिशा में आगे बढ़ रहा है।”
भारतीय टीम ने एथलेटिक्स में 28 पदक (5 स्वर्ण, 12 रजत, 11 कांस्य) जीते, जो अब तक का उनका सबसे बड़ा पदक है, बैडमिंटन में 6 पदक (3 रजत, 3 कांस्य), शतरंज में 3 पदक (1 रजत, 2 कांस्य), जूडो में 7 पदक (2 स्वर्ण, 5 कांस्य), टेबल टेनिस में 3 पदक (1 रजत, 2 कांस्य) और कुश्ती में 8 पदक (1 स्वर्ण, 1 रजत, 6 कांस्य) जीते ।
–आईएएनएस
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