2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को पूरा करने में ऊर्जा की होगी अहम भूमिका : मनोहर लाल

नई दिल्ली, 21 मार्च (आईएएनएस)। 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को पूरा करने में ऊर्जा की अहम भूमिका होगी और पर्याप्त ट्रांसमिशन सिस्टम की उपलब्धता से ऊर्जा उत्पादन का अधिकतम उपयोग किया जा सकता है। यह बयान केंद्रीय ऊर्जा और आवासन और शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल ने शुक्रवार को दिया।
मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए मनोहर लाल ने कहा कि नेशनल इलेक्ट्रिसिटी प्लान (एनईपी) में 2023 से 2032 की अवधि के दौरान देश में जोड़े जाने वाले आवश्यक ट्रांसमिशन सिस्टम का विवरण दिया गया है, जो देश में बिजली की मांग में वृद्धि और उत्पादन क्षमता में वृद्धि के अनुरूप है।
एनईपी-ट्रांसमिशन के अनुसार, 10 वर्ष की अवधि (2023 से 2032) के दौरान लगभग 1.91 लाख सर्किट किलोमीटर (सीकेएम) की ट्रांसमिशन लाइनें और 1,274 जीवीए (गीगा वोल्ट एम्पीयर) की ट्रांसफॉर्मेशन क्षमता जोड़ने की योजना है।
एनईपी-ट्रांसमिशन को केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) द्वारा तैयार किया गया है। इसमें वर्ष 2031-32 तक की ट्रांसमिशन योजना को कवर किया गया है।
उच्च स्तरीय बैठक में ट्रांसमिशन में नई टेक्नोलॉजीज और साइबर सिक्योरिटी के बारे में भी बातचीत की गई।
केंद्रीय मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे सदस्यों द्वारा दिए गए सुझावों को शामिल करने के लिए उचित कार्रवाई करें और लोगों के कल्याण को प्राथमिकता दें।
सरकार ने पिछले महीने बताया था कि ग्रामीण क्षेत्रों में औसत बिजली आपूर्ति 2014 में 12.5 घंटे से बढ़कर 2025 में 22.6 घंटे हो गई है और शहरी क्षेत्रों में इस वर्ष 23.4 घंटे हो गई है।
मनोहर लाल ने कहा कि हमारा लक्ष्य सभी को हर समय बिजली उपलब्ध कराना है और देश भर में शत-प्रतिशत घरों तक बिजली पहुंचाना है।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि जीवाश्म आधारित बिजली क्षमता 2014 में 168 गीगावाट से बढ़कर जनवरी 2025 में 246 गीगावाट हो गई है, जो लगभग 46 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है।
उन्होंने आगे कहा कि गैर-जीवाश्म आधारित बिजली क्षमता 2014 में लगभग 80 गीगावाट से बढ़कर 2025 में लगभग 220 गीगावाट (31 जनवरी तक) हो गई है, जो लगभग 180 प्रतिशत की वृद्धि है।
–आईएएनएस
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