मनमोहन सिंह का योगदान अमूल्य, उनके राजनीतिक साहस को कभी नहीं भूलेंगे : जो बाइडेन

मनमोहन सिंह का योगदान अमूल्य, उनके राजनीतिक साहस को कभी नहीं भूलेंगे : जो बाइडेन

नई दिल्ली, 28 दिसंबर (आईएएनएस)। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और उनकी पत्नी जिल बाइडेन ने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। व्हाइट हाउस की ओर से जारी बयान में कहा गया है, ” पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर भारत के लोगों के दुख में मैं और जिल शामिल हैं।”

राष्ट्रपति बाइडेन ने आगे कहा कि आज भारत और अमेरिका के बीच जो अभूतपूर्व स्तर का सहयोग है, वह पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के रणनीतिक विजन और राजनीतिक साहस के बिना संभव नहीं होता। अमेरिका-भारत नागरिक परमाणु समझौता बनाने से लेकर, इंडो-पैसिफिक साझेदारों के बीच पहले क्वाड की शुरुआत करने तक, उन्होंने ऐसा खाका तैयार किया, जिसने दोनों देशों के रिश्तों को सशक्त किया और भविष्य की पीढ़ियों के लिए हमारे देशों और दुनिया को मजबूती प्रदान करना जारी रखेगा। वह एक सच्चे राजनेता, समर्पित सार्वजनिक सेवक और सबसे बढ़कर, एक दयालु और विनम्र व्यक्ति थे।

जो बाइडेन ने कहा कि मुझे 2008 में सीनेट फॉरेन रिलेशंस कमेटी के चेयरमैन के तौर पर और उप राष्ट्रपति के तौर पर 2009 में हुई अमेरिकी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री सिंह से मिलने का मुझे मौका मिला था। उन्होंने 2013 में नई दिल्ली में भी मेरी मेजबानी की थी। जैसा कि हमने तब चर्चा की थी, अमेरिका-भारत संबंध दुनिया में सबसे महत्वपूर्ण संबंधों में से एक है और साथ मिलकर, साझेदारों और मित्र के रूप में, हमारे राष्ट्र हमारे लोगों के लिए गरिमापूर्ण और असीमित संभावनाओं के द्वार खोल सकते हैं।

बाइडेन ने आगे कहा कि इस कठिन समय में, हम उस विजन को फिर से अपनाते हैं, जिसे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपने जीवन को समर्पित किया। जिल और मैं पूर्व प्रथम महिला गुरशरण कौर उनके तीन बच्चों और भारत के सभी लोगों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करते हैं।

बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह का गुरुवार को निधन हो गया था, वो 92 साल के थे। गुरुवार की शाम तबीयत बिगड़ने पर उन्हें दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया था, जहां रात करीब 10 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। मनमोहन सिंह लगातार दो कार्यकाल के लिए 22 मई 2004 से 26 मई 2014 तक देश के प्रधानमंत्री रहे। नब्बे के दशक की शुरुआती में दम तोड़ती भारतीय अर्थव्यवस्था को वित्त मंत्री के रूप में डॉ सिंह ने आर्थिक सुधारों के जरिए नया जीवन दिया।

–आईएएनएस

पीएसके/केआर

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