वाशिंगटन, 27 दिसंबर (आईएएनएस)। यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल (यूएसआईबीसी) ने शुक्रवार को कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने अमेरिका-भारत संबंधों को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
यूएसआईबीसी के अध्यक्ष, प्रबंध निदेशक, सदस्य कंपनियों और कर्मचारियों ने 92 वर्ष की आयु में डॉ. सिंह के निधन पर उनके परिवार और भारत के लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की।
यूएसआईबीसी ने एक बयान में कहा कि डॉ. सिंह सही मायनों में आधुनिक द्विपक्षीय संबंधों के निर्माता हैं।
यूएसआईबीसी के अध्यक्ष राजदूत (सेवानिवृत्त) अतुल केशप ने कहा, “डॉ. सिंह ने अमेरिका-भारत संबंधों को मजबूती देने, उन्हें आधुनिक बनाने और दोनों लोकतंत्रों को रणनीतिक, आर्थिक, तकनीकी बदलाव के स्थिर मार्ग पर आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।”
केशप ने आगे कहा “डॉ. सिंह की आधुनिक द्विपक्षीय संबंधों के निर्माता के रूप में पहचना बिल्कुल सही है। उन्हें अमेरिका में कई लोग उनके सौम्य और स्पष्ट नेतृत्व के लिए सम्मान और स्नेह के साथ याद करेंगे।”
डॉ. सिंह के कार्यकाल की प्रमुख उपलब्धियों में भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु समझौता 2008 भी शामिल था, जिसने असैन्य परमाणु सहयोग का मार्ग प्रशस्त किया।
इसने भारत के दशकों पुराने परमाणु अलगाव को समाप्त किया, साथ ही अमेरिका सहित प्रमुख शक्तियों के साथ देश के संबंधों को आकार दिया।
परमाणु समझौते ने भारत को जापान, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी जैसे कई देशों के साथ राजनयिक संबंधों को बढ़ाने में मदद की, जिससे देश एक जिम्मेदार परमाणु शक्ति के रूप में स्थापित हुआ।
इसके अलावा, 1991 में भारत की अर्थव्यवस्था का उदारीकरण देश के स्वतंत्रता के बाद के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ था, जिसने भारत के लिए वैश्विक अर्थव्यवस्था के द्वार खोल दिए।
अमेरिका और भारतीय सरकारों के कहने पर 1975 में स्थापित, यूएसआईबीसी उद्योग की प्रमुख आवाज के रूप में कार्य करता है और दोनों देशों में व्यवसायों और सरकारों के बीच संबंध बनाता है।
यूएसआईबीसी संयुक्त राज्य अमेरिका, भारत और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में कार्यरत सैकड़ों शीर्ष वैश्विक कंपनियों का प्रतिनिधित्व करता है।
–आईएएनएस
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