केंद्र सरकार की नीतियों का विरोध करती हैं ममता बनर्जी: सिद्धलिंग स्वामी


धारवाड़, 23 नवंबर (आईएएनएस)। कर्नाटक शिवसेना प्रदेश अध्यक्ष सिद्धलिंग स्वामी ने नए श्रम संहिता सुधारों का स्वागत किया और इसके लिए केंद्र सरकार को धन्यवाद दिया है। उन्होंने इसे श्रमिकों के विकास के लिए केंद्र द्वारा उठाया गया एक बड़ा कदम बताया।

सिद्धलिंग स्वामी ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि केंद्र सरकार ने श्रमिकों के उद्धार के लिए महत्वपूर्ण फैसला लिया है। श्रमिकों को जो मिलना चाहिए, उसके लिए श्रम संहिता लाई गई है। हम इसका स्वागत करते हैं। ममता बनर्जी की सरकार ने केंद्र सरकार के फैसले का विरोध किया है और इसे लागू करने से इनकार कर दिया है।

उन्होंने कहा कि जो अच्छा काम एनडीए और नरेंद्र मोदी की सरकार कर रही है, उसका पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी विरोध कर रही हैं। यह ठीक नहीं है। आने वाले दिन में उन्हें इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। चुनाव में हार का भी सामना करना पड़ सकता है।

सिद्धलिंग स्वामी ने कहा कि केंद्र सरकार ने श्रमिकों को लेकर जो फैसला लिया है, उसे लागू करना चाहिए। हम पश्चिम बंगाल की सरकार को आगाह कर रहे हैं।

श्रम संहिता को लेकर श्रम और रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया ने बताया कि इससे सभी कामगारों को समय पर न्यूनतम वेतन की गारंटी, युवाओं को नियुक्ति पत्र की गारंटी, महिलाओं को समान वेतन और सम्मान की गारंटी, और 40 करोड़ श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा की गारंटी मिलेगी।

इसके साथ ही फिक्स टर्म एम्प्लॉईस को एक साल बाद ग्रेच्युटी की गारंटी, 40 साल से अधिक आयु वाले श्रमिकों को सालाना मुफ्त हेल्थ चेक-अप की गारंटी, ओवरटाइम करने पर दोगुने वेतन की गारंटी, जोखिम-भरे क्षेत्रों के कामगारों को 100 प्रतिशत हेल्थ सिक्योरिटी की गारंटी और इंटरनेशनल मानकों के मुताबिक श्रमिकों को सामाजिक न्याय की गारंटी मिलने वाली है।

बता दें कि राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त 14 श्रमिक संगठनों का गैर-राजनीतिक संयुक्त महासंगठन ‘द कॉन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल ट्रेड यूनियन्स’ ने भारत सरकार द्वारा लागू किए गए चारों श्रम संहिताओं का स्वागत किया है। महासंगठन ने कहा है कि यह कदम देश के श्रम कानूनों में एक ऐतिहासिक बदलाव है।

–आईएएनएस

एएमटी/डीकेपी


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