महाराष्ट्र: राज्य परिषद ने 'एमएसपीएस विधेयक' पारित किया, विपक्ष का वॉक आउट


मुंबई, 11 जुलाई (आईएएनएस)। महाराष्ट्र विशेष जन सुरक्षा (एमएसपीएस) विधेयक, 2024 शुक्रवार को राज्य परिषद में ध्वनिमत से पारित हो गया। वहीं, विपक्ष ने यह कहते हुए सदन से वॉक आउट किया कि यह विधेयक कम्युनिस्ट विचारधारा के विरुद्ध है।

गृह राज्य मंत्री योगेश कदम ने यह विधेयक पेश करते हुए कहा कि यह लोकतंत्र को चुनौती देने वाले और शहरी नक्सलवाद को बढ़ावा देने वाले संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए है।

उन्होंने बताया कि राज्य में वर्तमान में ऐसे कुल 64 संगठन सक्रिय हैं और इन पर नियंत्रण आवश्यक है।

मंत्री कदम ने यूएपीए कानून की सीमाओं पर प्रकाश डाला और कहा कि यह केवल हिंसक घटनाओं के मामलों में ही लागू होता है, लेकिन वर्तमान में नक्सली विचारधारा बिना किसी हिंसा के शहरों में प्रवेश कर रही है। इसलिए, उनकी कार्यप्रणाली पर अंकुश लगाने के लिए एक अलग कानून की आवश्यकता है। यूएपीए के तहत केवल विचारधारा के आधार पर अपराध सिद्ध करना संभव नहीं है।

मंत्री ने बताया कि विधेयक के अनुसार, एक उच्च न्यायालय के न्यायाधीश या सेवानिवृत्त जिला न्यायालय के न्यायाधीश और सरकारी अभियोजकों वाला एक सलाहकार बोर्ड गठित किया जाएगा। इस बोर्ड के समक्ष सभी साक्ष्य प्रस्तुत किए जाएंगे और उनकी सिफारिश के बाद ही संबंधित संगठनों पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। इसके अलावा, प्रतिबंधित संगठनों के सदस्यों के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने स्पष्ट किया कि यह कानून आम प्रदर्शनकारियों या सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों के लिए नहीं है, बल्कि माओवादी विचारधारा के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए है। इससे पहले, गुरुवार को राज्य विधानसभा में इस विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया था, जब एकमात्र माकपा सदस्य ने इसका विरोध किया था।

सत्तारूढ़ गठबंधन ने इस विधेयक का पुरजोर समर्थन करते हुए कहा कि यह नक्सलवाद और आतंकवाद विरोधी है। हालांकि, शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस ने इस विधेयक पर कड़ी आपत्ति जताई।

शिवसेना (यूबीटी) विधायक अनिल परब ने विधेयक का विरोध करते हुए आरोप लगाया कि यह विधेयक राजनीति से प्रेरित है और इसकी आड़ में एक राजनीतिक एजेंडा चलाया जा रहा है। परब ने कहा कि अगर राष्ट्रहित में आतंकवाद और नक्सलवाद पर लगाम लगाने के लिए कोई कदम उठाया जाता है, तो हम आपके साथ हैं। हालांकि, उन्होंने आलोचना की कि इस विधेयक में राजनीति की बू आ रही है और इसका दुरुपयोग किया जा सकता है।

–आईएएनएस

एससीएच/डीएससी


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