प्रयागराज, 23 जनवरी (आईएएनएस)। संगम तट पर समाज कल्याण विभाग के पंडाल में आस्था एवं अध्यात्म के साथ सामाजिक समरसता की भी झलक देखने को मिल रही है। समाज कल्याण विभाग ने संगम के तट पर पहली बार पंडाल बनाया है, जिसमें 100 बेड की क्षमता का निराश्रित वरिष्ठ जनों के लिए एक आश्रम स्थापित किया गया है। आश्रम में विभिन्न जनपदों के वृद्धाश्रमों से अब तक 150 वरिष्ठजन पहुंचकर संगम में स्नान कर चुके हैं।
समाज कल्याण विभाग निराश्रित वरिष्ठ जनों के लिए प्रदेश भर में वृद्धाश्रम संचालित करता है। समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण के निर्देश पर वृद्धाश्रमों में रहने वाले वरिष्ठ जनों के लिए महाकुंभ क्षेत्र में 100 बेड की क्षमता का एक आश्रम स्थापित किया गया है। आश्रम में अब तक सिद्धार्थनगर, भदोही, कौशांबी, हरदोई, सीतापुर और लखनऊ से करीब 150 वरिष्ठ जन महाकुंभ मेले में पहुंचकर संगम में स्नान कर पुण्य लाभ ले चुके हैं।
मंत्री असीम अरुण ने बताया कि मेला क्षेत्र में बने आश्रम में वरिष्ठ जनों को निःशुल्क भोजन, रहने की व्यवस्था और आवागमन उपलब्ध कराया जा रहा है। समाज कल्याण विभाग द्वारा स्थापित पंडाल में वरिष्ठ जनों को सुबह योगाभ्यास भी कराया जाता है।
समाज कल्याण विभाग के पंडाल में जनजातीय समुदाय की भी झलक देखने को मिल रही है। पंडाल में देशभर के जनजातीय समुदाय द्वारा तैयार किए गए विभिन्न मनमोहक उत्पाद आने वाले अतिथियों को आकर्षित कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में अब तक 10 करोड़ से ज्यादा भक्त पवित्र त्रिवेणी में संगम स्नान कर चुके हैं। मंगलवार तक 9.24 करोड़ भक्त संगम में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि मौनी अमावस्या के दिन ही 10 करोड़ भक्तों के प्रयागराज आने की संभावना है। अब मौनी अमावस्या के स्नान की तैयारी की जा रही है।
–आईएएनएस
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