लखनऊ : बेसिक, माध्यमिक, उच्च और प्राविधिक शिक्षा के लिए बजट में किए गए कई प्राविधान

लखनऊ : बेसिक, माध्यमिक, उच्च और प्राविधिक शिक्षा के लिए बजट में किए गए कई प्राविधान

लखनऊ, 5 फरवरी (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 का वार्षिक बजट प्रस्तुत किया। प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए कई प्राविधान किए गए हैं। इसमें बेसिक शिक्षा में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के साथ-साथ नए छात्रों के प्रवेश के लिए बजट की व्यवस्था की गई है तो माध्यमिक शिक्षा में आईसीटी लैब की व्यवस्था के साथ उच्च और प्राविधिक शिक्षा के तहत नए विश्वविद्यालय और राजकीय पॉलिटेक्निक के निर्माण की ओर ध्यान दिया गया है।

बेसिक शिक्षा के तहत योगी सरकार ने कक्षा-1 से 8 तक अध्ययनरत लगभग 2 करोड़ से अधिक छात्र-छात्राओं के लिए निःशुल्क स्वेटर एवं जूता-मोजा उपलब्ध कराने हेतु 650 करोड़ तथा स्कूल बैग हेतु 350 करोड़ रुपए की व्यवस्था की है।

बेसिक शिक्षा के तहत छात्र/छात्राओं के लिए यूनिफॉर्म, स्वेटर, स्कूल बैग, जूता मोजा एवं स्टेशनरी उपलब्ध कराने के लिए क्रय प्रक्रिया को बंद करते हुए डीबीटी के माध्यम से 1,200 रुपए प्रति बच्चे की दर से धनराशि सीधे अभिभावकों के खाते में हस्तान्तरित की जा रही है। इसके अलावा, वंचित एवं दुर्बल वर्ग के 2 लाख से अधिक बच्चों को वित्तीय वर्ष 2024-2025 में प्रवेश दिलाए जाने का लक्ष्य है, जिसके लिए 255 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है।

इसी के साथ ऑपरेशन कायाकल्प के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-2025 में 1,000 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। इसके अतिरिक्त 2023-2024 में 300 करोड़ रुपए से ग्राम पंचायत एवं वार्ड स्तर पर डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना कराई जा रही है, जिसके लिए 2024-2025 में 498 करोड़ रुपए की बजट व्यवस्था की गई है। वनटांगिया गावों में 36 प्राथमिक विद्यालयों के संचालन के लिए 144 पद सृजित किए गए हैं तो गरीबी रेखा से ऊपर के लगभग 30 लाख छात्रों को निःशुल्क यूनिफॉर्म वितरण के लिए 168 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है।

माध्यमिक शिक्षा के तहत, 2024-2025 तक प्रदेश के समस्त राजकीय माध्यमिक विद्यालयों को आधारभूत सुविधाओं से लैस किए जाने एवं प्रत्येक राजकीय माध्यमिक विद्यालय में स्मार्ट क्लास तथा आईसीटी लैब की व्यवस्था किए जाने के लिए समग्र शिक्षा योजना के तहत 516.64 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित है। इसके साथ ही, सहायता प्राप्त अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में अवस्थापना सुविधाओं के लिए 200 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित है।

यही नहीं नए राजकीय संस्कृत विद्यालयों की स्थापना के लिए 5 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित है। राजकीय संस्कृत विद्यालयों में छात्रावास एवं मिनी स्टेडियम के निर्माण के लिए 10.46 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित है। सैनिक स्कूल, गोरखपुर के संचालन के लिए 4 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है।

वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि उच्च शिक्षा में विंध्याचल धाम मंडल में मां विंध्यवासिनी राज्य विश्वविद्यालय, मुरादाबाद मंडल में एक राज्य विश्वविद्यालय तथा देवी पाटन मंडल में मां पाटेश्वरी राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए प्रत्येक विश्वविद्यालय हेतु 51.20 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित है। शिक्षा को प्रोत्साहित किए जाने के लिए मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना के तहत 100 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है।

प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों में आधारभूत सुविधाओं के विस्तार के लिए 30 करोड़ रुपए, नए राजकीय महाविद्यालयों की स्थापना तथा राजकीय महाविद्यालयों के निर्माणाधीन भवनों को पूर्ण किए जाने के लिए 55 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित की गई है। दूसरी तरफ, प्राविधिक शिक्षा के तहत, प्रदेश में डिप्लोमा स्तरीय 169 संस्थाओं में प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। 75 राजकीय पालिटेक्निक निर्माणाधीन/अवस्थापना की प्रक्रिया में हैं, जिन्हें जल्द ही पीपीपी मोड पर संचालित किया जाएगा।

वर्तमान में 1,874 निजी क्षेत्र की डिप्लोमा स्तरीय संस्थाओं में छात्र एवं छात्राओं को प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। एकेटीयू द्वारा उत्तर प्रदेश स्टार्ट अप पालिसी-2020 के अंतर्गत विश्वविद्यालय परिसर में सेंटर ऑफ एडवांस स्टडीज के तहत एक इनोवेशन हब की स्थापना की गई है, जिसके अंतर्गत 15 इन्क्यूबेशन सेंटर स्थापित हैं। इसके साथ ही 265 स्टार्ट अप्स ऑन बोर्ड हो गए हैं।

–आईएएनएस

विकेटी/एबीएम

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