मोबाइल फोन का उपयोग सीमित करने से सीवीडी जोखिम को कम करने में मिल सकती है मदद : एक्सपर्ट

मोबाइल फोन का उपयोग सीमित करने से सीवीडी जोखिम को कम करने में मिल सकती है मदद : एक्सपर्ट

नई दिल्ली, 7 सितंबर (आईएएनएस)। एक न्यूरोलॉजिस्ट के अनुसार, कॉल करने में मोबाइल फोन के उपयोग को सीमित करने से हृदय रोगों के खतरे को कम करने में मदद मिल सकती है।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स के डॉ. सुधीर कुमार ने कहा कि, “मोबाइल फोन के उपयोग को सीमित करने के साथ-साथ अन्य स्वस्थ जीवनशैली के उपाय हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए अच्छे हो सकते हैं।”

कुमार ने आगे कहा, “सीवीडी के जोखिम को कम करने के लिए कॉल लेने और करने की अवधि को सीमित करना उपयोगी है।”

उन्होंने धूम्रपान छोड़ने का सुझाव देते हुए कहा, “अच्छी नींद लें और मनोवैज्ञानिक तनाव को कम करें।”

उन्होंने यह बात कैनेडियन जर्नल ऑफ कार्डियोलॉजी में प्रकाशित एक हालिया चीनी अध्ययन का हवाला देते हुए कही, जिसमें मोबाइल फोन के उपयोग और स्ट्रोक, कोरोनरी धमनी रोग, एट्रियल फाइब्रिलेशन और हृदयाघात जैसी हृदय संबंधी बीमारियों के बीच बढ़ते संबंध को दर्शाया गया है।

इंटरनेशनल टेलीकम्युनिकेशन यूनियन के आंकड़ों के अनुसार, हाल के दशकों में दुनिया भर में मोबाइल फोन ग्राहकों की संख्या में नाटकीय रूप से वृद्धि हुई है और 2020 में यह 8.2 बिलियन को पार कर गई है।

इस समय, भारत सहित दुनिया भर में हृदय रोग के मामले काफी देखे जा रहे हैं।

वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन (डब्ल्यूएचएफ) के आंकड़ों से पता चला है कि वैश्विक स्तर पर हृदय रोग (सीवीडी) से होने वाली मौतें 1990 में 12.1 मिलियन से बढ़कर 2021 में 20.5 मिलियन हो गई हैं।

चीन के साउथर्न मेडिकल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए अध्ययन से पता चला है कि साप्ताहिक मोबाइल फोन उपयोग का समय हृदय रोग (सीवीडी) जोखिम के साथ सकारात्मक रूप से जुड़ा हुआ है।

अध्ययन में बताया गया कि इस जोखिम का आंशिक कारण “खराब नींद, मनोवैज्ञानिक संकट और मानसिक विकार” है।

रिसर्च टीम ने बताया कि मोबाइल फोन से इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडियोफ्रीक्वेंसी इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड (आरएफ-ईएमएफ) निकलती हैं, जो शरीर में कई तरह के बदलाव ला सकती हैं। ये बदलाव दिमाग और शरीर के बीच के तालमेल को बिगाड़ सकते हैं, सूजन पैदा कर सकते हैं, और कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इन सबका असर दिल और रक्त वाहिकाओं पर पड़ता है, जिससे दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

अध्ययन में 444,027 ऐसे व्यक्ति शामिल थे जिनका सीवीडी. का कोई इतिहास नहीं था।

12 साल से अधिक समय तक फॉलो-अप के बाद, 56,181 व्यक्तियों (12.7 प्रतिशत) में सीवीडी का जोखिम पहचाना गया।

प्रति सप्ताह 1 घंटे से कम मोबाइल फोन का उपयोग करने वाले प्रतिभागियों की तुलना में, 1 घंटे से अधिक मोबाइल फोन का उपयोग करने वालों में हृदय रोग की घटना का जोखिम काफी अधिक था।

मधुमेह रोगियों और धूम्रपान करने वालों में सीवीडी का जोखिम भी अधिक पाया गया।

कुमार ने कहा, “धूम्रपान और मधुमेह हृदय रोग के जोखिम को बढ़ाते हैं, इसलिए धूम्रपान करने वालों को धूम्रपान छोड़ देना चाहिए और मधुमेह रोगियों को रक्त शर्करा को नियंत्रण में रखना चाहिए।”

–आईएएनएस

एकेएस/एएस

E-Magazine