गुरबानी से 'राता लंबियां' तक, जानें कैसे रहा असीस कौर के सिंगर बनने का सफर

मुंबई, 25 सितंबर (आईएएनएस)। हर साल हजारों आवाजें संगीत की दुनिया में सुनाई देती हैं, लेकिन कुछ आवाजें ऐसी होती हैं, जो सीधे दिल में उतर जाती हैं। ऐसी ही एक आवाज है ‘असीस कौर’ की, जो कानों में पड़ते ही मूड को रिफ्रेश कर देती है। आज जब बॉलीवुड में किसी रोमांटिक गाने की बात होती है, तो असीस कौर का नाम जरूर आता है।
‘राता लंबियां’, ‘वे माही’, और ‘तेरे बिन’ जैसे गानों से घर-घर में पहचानी जाने वाली असीस का सफर आसान नहीं था। उन्होंने संगीत की शुरुआत भक्ति से की, लेकिन इसके बाद वह धीरे-धीरे फिल्मी दुनिया तक पहुंचीं। आज वह न सिर्फ भारत की, बल्कि दुनियाभर के संगीत प्रेमियों की पसंद बन चुकी हैं।
असीस कौर का जन्म 26 सितंबर 1988 को हरियाणा के पानीपत शहर में हुआ था। उनके घर का माहौल धार्मिक था, और इसी माहौल में उन्होंने पांच साल की उम्र में गुरबानी गाना शुरू किया। उनके पिता को जब ये महसूस हुआ कि असीस की आवाज में कुछ खास है, तो उन्होंने बेटी को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया। घर पर गुरबानी सुनाने से लेकर स्थानीय धार्मिक आयोजनों में प्रस्तुति तक, असीस ने बहुत जल्दी लोगों के दिलों में अपनी जगह बना ली। पढ़ाई में भी असीस उतनी ही गंभीर थीं। उन्होंने पानीपत के एसडी पीजी कॉलेज से एम. कॉम की डिग्री हासिल की।
शुरू में उनका सपना था कि वे एक चार्टर्ड अकाउंटेंट बनें, लेकिन संगीत की तरफ बढ़ते झुकाव ने उनकी जिंदगी की दिशा ही बदल दी। उन्होंने तय कर लिया कि अब वो सिंगर ही बनेंगी।
असीस ने हुनर को निखारने के लिए जालंधर में उस्ताद पूरन शाहकोटी से संगीत की तालीम ली। उन्होंने लंबे समय तक गुरबानी गाना जारी रखा और देशभर के धार्मिक आयोजनों में हिस्सा लिया। फिर उन्होंने खुद को परखा और रियलिटी शोज के मंच पर अपनी आवाज का जादू बिखेरा। सबसे पहले उन्होंने पंजाबी रियलिटी शो ‘आवाज पंजाब दी’ में हिस्सा लिया, जिससे उन्हें पहली बार बड़ा मंच मिला और पहचान भी मिली।
इसके बाद उन्होंने ‘इंडियन आइडल’ में भी भाग लिया। हालांकि, वो इस शो की विनर नहीं बनीं, लेकिन उनकी आवाज ने दर्शकों और संगीत निर्देशकों का ध्यान खींच लिया।
इसके बाद असीस ने मुंबई का रुख किया और संगीत निर्देशकों से मिलने लगीं। उनकी बॉलीवुड में एंट्री साल 2014 में फिल्म ‘तमंचे’ के गाने ‘दिलदारा रिप्राइज’ से हुई। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। फिल्म ‘कपूर एंड सन्स’ का गाना ‘बोलना’, ‘केसरी’ का ‘वे माही’, ‘सिम्बा’ का ‘तेरे बिन’, और फिर 2021 की सुपरहिट फिल्म ‘शेरशाह’ का गाना ‘राता लंबियां’, इन सभी ने असीस को सुपरस्टार सिंगर बना दिया।
उनकी आवाज की खासियत यह है कि उसमें मिठास, गहराई और भावनाओं का ऐसा मेल है, जो सीधे दिल में उतर जाती है। इसी वजह से असीस को कई पुरस्कारों से नवाजा गया। उन्हें 2021 में फिल्म ‘मलंग’ के गाने ‘हुई मलंग’ के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला। फिर, 2022 में ‘शेरशाह’ के ‘राता लंबियां’ के लिए उन्हें आईफा और फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिला।
संगीत की दुनिया में उनकी कामयाबी के साथ-साथ उनकी निजी जिंदगी भी चर्चा में रही। 18 जून 2023 को उन्होंने पंजाबी संगीतकार गोल्डी सोहेल से शादी की, और 2024 में वे एक बेटे की मां बनीं।
–आईएएनएस
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