नेताओं ने टैक्स छूट को बताया सुधारवादी कदम, पीएम मोदी का जताया आभार


नई दिल्ली, 6 सितंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से 15 अगस्त को लाल किले से किए गए वादे के अनुरूप केंद्र सरकार ने जीएसटी में व्यापक छूट की घोषणा की है, जिसे दिवाली के बड़े तोहफे के रूप में देखा जा रहा है।

इस कदम को बिहार चुनाव से जोड़कर नहीं, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और आम जनता को राहत देने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।

भाजपा सांसद भीम सिंह ने कहा कि जीएसटी में दी गई छूट देश की जनता को धनाढ्य वर्ग से जोड़ने का प्रयास है। यह कदम अर्थव्यवस्था के लिए मील का पत्थर साबित होगा।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में लिया गया यह दूरदर्शी कदम जीडीपी में बढ़ोतरी करेगा, मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देगा, उपभोक्ता बढ़ेंगे और रोजगार के अवसर पैदा होंगे। खासकर गरीबों के लिए कई वस्तुओं पर रियायत दी गई है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।

भाजपा के वरिष्ठ नेता दुष्यंत गौतम ने इस निर्णय की सराहना करते हुए कहा, “प्रधानमंत्री ने जीएसटी में छूट देकर गरीबों और व्यापारियों को दिवाली से पहले बड़ा उपहार दिया है। यह कदम व्यापारियों के लिए राहत भरा कदम है और गरीबों के हित में है।”

केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री सतीश चंद्र दुबे ने कहा कि जीएसटी में कमी से मध्यमवर्गीय परिवारों को विशेष लाभ होगा। उन्होंने कहा, “सीमेंट जैसी आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी घटने से मध्यम वर्ग को बड़ा फायदा होगा। कम आय वाले परिवारों के लिए यह राहत भविष्य में और प्रभावी साबित होगी।”

भाजपा सांसद दर्शन सिंह चौधरी ने कहा, “प्रधानमंत्री ने लाल किले से जो वादा किया था, उसे नवरात्रि और दिवाली से पहले पूरा किया गया। इससे मध्यम वर्ग और किसानों को भारी लाभ होगा।”

वहीं, फुटवियर मार्केट के व्यापारी नरेश अग्रवाल ने जीएसटी में बदलाव को भारतीय बाजार के लिए सकारात्मक संकेत बताया। उन्होंने कहा, “अमेरिका के टैरिफ के बाद स्वदेशी उत्पादों की मांग बढ़ी है। जीएसटी के दो नए स्लैब, जो फेस्टिवल सीजन से पहले लागू होंगे, भारतीय व्यापारियों के लिए वरदान हैं। ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा मिलेगा, और भारतीय उत्पाद अब देश में बनेंगे और खपेंगे।”

उन्होंने आगे कहा कि यह कदम वैश्विक स्तर पर भारतीय बाजार को आकर्षक बनाएगा। केंद्र सरकार का यह कदम न केवल व्यापारियों और उपभोक्ताओं के लिए राहत भरा है, बल्कि ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा देकर आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को भी मजबूत कर रहा है।

–आईएएनएस

एकेएस/डीकेपी


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