भारत में महिला उधारकर्ताओं की संख्या में हुई बड़ी वृद्धि : रिपोर्ट्स

नई दिल्ली, 7 मार्च (आईएएनएस)। भारत में महिला उधारकर्ताओं की संख्या में बीते कुछ वर्षों में भारी वृद्धि हुई है। इसमें 2022 से सालाना आधार पर 45 प्रतिशत की बढ़त देखने को मिली है। यह जानकारी कई रिपोर्ट्स में दी गई।
फिनटेक प्लेटफॉर्म एमपोकेट की रिपोर्ट में बताया गया कि अकेले 2024 के महिला उधारकर्ताओं द्वारा 4.8 लाख करोड़ रुपये के लोन लिए गए हैं।
हेल्थकेयर महिलाओं के लिए शीर्ष प्राथमिकता रहा है। महिला उधारकर्ताओं द्वारा लिए गए लोन में से 33.5 प्रतिशत का इस्तेमाल मेडिकल इमरजेंसी के लिए किया गया है।
बड़ी संख्या में महिलाओं द्वारा शिक्षा के लिए भी लोन लिया गया है। महिला उधारकर्ताओं द्वारा लिए गए लोन में से 20.6 प्रतिशत का इस्तेमाल स्किल डेवलपमेंट और लर्निंग के लिए किया गया है।
महिला उधारकर्ताओं द्वारा 17.4 प्रतिशत लोन बिजनेस के उद्देश्य से लिए गए हैं।
पूर्वी भारत में उद्यमिता की भावना विशेष रूप से मजबूत है, जहां 25 प्रतिशत महिला उधारकर्ता अपने व्यवसाय के लिए लोन का उपयोग कर रही हैं।
सीआरआईएफ हाई मार्क की एक अन्य रिपोर्ट से भी पता चला है कि 2024 में लोन वृद्धि और पुनर्भुगतान अनुशासन में महिलाएं पुरुषों से आगे रहीं।
रिपोर्ट में कहा गया कि सक्रिय महिला उधारकर्ताओं की संख्या 2024 में 10.8 प्रतिशत बढ़कर दिसंबर तक 8.3 करोड़ तक पहुंच गई है। यह वृद्धि दर पुरुषों के लिए रिकॉर्ड की गई 6.5 प्रतिशत वृद्धि से काफी अधिक थी।
नीति आयोग की एक हाल में आई रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में कम से कम 2.7 करोड़ महिलाएं अपना व्यवसाय चलाने के लिए लोन ले रही हैं और सक्रिय रूप से अपने क्रेडिट स्कोर पर नजर रख रही हैं, जो वित्तीय जागरूकता में मजबूत वृद्धि को दर्शाता है।
दिसंबर 2024 तक, अपने क्रेडिट की निगरानी करने वाली महिलाओं की संख्या पिछले वर्ष की तुलना में 42 प्रतिशत बढ़ गई थी।
–आईएएनएस
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