कोलकाता पुलिस की जासूसी विभाग करेगी लॉ कॉलेज बलात्कार मामले की जांच, आरोपियों के खिलाफ नई धाराएं जोड़ी गईं

कोलकाता, 2 जुलाई (आईएएनएस)। कोलकाता पुलिस के जासूसी विभाग (डीडी) ने बुधवार को दक्षिण कोलकाता के कस्बा स्थित कॉलेज परिसर में पिछले सप्ताह एक लॉ छात्रा के साथ हुए बलात्कार की जांच अपने हाथ में ले ली।
इस मामले मे स्थानीय कस्बा पुलिस थाने ने जांच शुरू की थी। पुलिसकर्मियों ने 25 जून की शाम को अपराध होने के तुरंत बाद पीड़िता द्वारा शिकायत दर्ज कराने के 24 घंटे के भीतर मामले के तीन मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया। बाद में मामले की जांच के लिए सहायक पुलिस आयुक्त स्तर के अधिकारी की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन भी किया गया। हालांकि, बुधवार को शहर पुलिस के उच्च अधिकारियों ने जांच का प्रभार जासूसी विभाग को सौंपने का फैसला किया।
जासूसी विभाग के अधिकारियों ने मामले के तीन मुख्य आरोपियों मोनोजीत मिश्रा, जैब अहमद और प्रमित मुखोपाध्याय के खिलाफ नई धाराएं जोड़कर जांच प्रक्रिया शुरू कर दी है। शुरू में उन पर बलात्कार की धाराएं लगाई गई थीं। हालांकि, जासूसी विभाग द्वारा जांच अपने हाथ में लेने के बाद तीनों आरोपियों पर अपहरण और हथियारों से चोट पहुंचाने से संबंधित धाराएं भी लगाई गईं। विधि महाविद्यालय के पूर्व छात्र मोनोजीत की पहचान बलात्कार के अपराध में मुख्य साजिशकर्ता के रूप में की गई है, जबकि अहमद और मुखोपाध्याय की पहचान अपराध के सूत्रधार के रूप में की गई है।
इस मामले में गिरफ्तार किया गया चौथा व्यक्ति कस्बा स्थित विधि महाविद्यालय परिसर में तैनात सुरक्षा गार्ड पिनाकी बनर्जी है। 25 जून की शाम को पीड़िता द्वारा अपने साथ हुए यौन उत्पीड़न की घटना के तुरंत बाद पुलिस को दिए गए बयान के अनुसार, बनर्जी की पहचान उसके साथ हुए यौन उत्पीड़न के अपराध के ‘एकमात्र असहाय गवाह’ के रूप में की गई है।
कोलकाता की एक निचली अदालत ने मंगलवार को मनोजीत, अहमद और मुखोपाध्याय की पुलिस हिरासत 8 जुलाई तक बढ़ा दी। निचली अदालत ने बनर्जी की पुलिस हिरासत भी 4 जुलाई तक बढ़ा दी।
इस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की मांग करते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गई है, जिस पर गुरुवार को सुनवाई होने की संभावना है।
–आईएएनएस
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