आरबीआई रेपो रेट में 50 आधार अंकों की कटौती से कितनी कम होगी आपके होम लोन की ईएमआई, जानिए


नई दिल्ली, 6 जून (आईएएनएस)। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ​​ने शुक्रवार को अर्थव्यवस्था के विकास की रफ्तार को बढ़ाने के लिए रेपो रेट में 50 आधार अंकों की बड़ी कटौती कर इसे 6 प्रतिशत से 5.5 प्रतिशत करने का ऐलान किया।

रेपो रेट वह दर होती है, जिस पर आरबीआई बैंकों को लोन देता है। अगर इसमें कमी आती है तो बैंकों के लिए केंद्रीय बैंक से लोन लेना सस्ता हो जाएगा और वे ग्राहकों को भी सस्ती दरों पर लोन देन पाएंगे।

ऐसे में रेपो रेट में 50 आधार या 0.50 प्रतिशत की कमी आ सीधा असर आपकी होम लोन ईएमआई पर होगा। आइए इसे उदाहरण से समझते हैं।

उदाहरण के लिए अगर आपने 50 लाख रुपए का होम लोन 8.50 प्रतिशत की ब्याज पर 20 वर्ष के लिए लिया हुआ है तो आपको पहले 43,391 रुपए की प्रति महीने ईएमआई देनी होती थी।

लेकिन रेपो रेट में कटौती के बाद ब्याज दर 8 प्रतिशत हो जाएगी। इससे आपको अब ईएमआई के रूप में 41,822 रुपए देने होंगे।

ब्याज दरों के कम होने से आपको 20 साल की अवधि वाले 50 लाख रुपए के लोन पर प्रति महीने 1,569 रुपए ईएमआई में कम देने होंगे और प्रति वर्ष आप करीब 18,828 रुपए की बचत कर पाएंगे।

क्रेडाई के सेक्रेटरी गौरव गुप्ता का कहना है कि आरबीआई मौद्रिक नीति में 50 आधार अंकों का रेपो रेट कट आना स्वागत योग्य कदम है। इससे घर खरीदारों के लिए ब्याज दरों को कम करने में मदद मिलेगी।

उन्होंने आगे कहा कि ब्याज दरों का कम होना केवल घर खरीदार के लिए लागत कम करने में मदद नहीं करता, बल्कि रियल एस्टेट अफोर्डेबिलिटी को भी बढ़ाता है। इसका देश के सभी सेक्टर्स पर सकारात्मक असर होगा।

रेपो रेट में कमी से होम लोन ही नहीं, बल्कि पर्सनल लोन, कार लोन और अन्य प्रकार के लोन की ईएमआई में भी कमी आती है।

ब्याज दरों में कमी करके केंद्रीय बैंक की कोशिश अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर को बढ़ाना है।

केंद्रीय बैंक के मुताबिक, जीडीपी विकास दर वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में 6.5 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 6.7 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 6.6 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 6.3 प्रतिशत रह सकती है।

–आईएएनएस

एबीएस/


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