महाकुंभ में खादी उत्पादों की बिक्री 12 करोड़ रुपये से अधिक रही: केवीआईसी चीफ

नई दिल्ली, 9 मार्च (आईएएनएस)। खादी के उत्पादों को आस्था के पर्व महाकुंभ में आए करोड़ों लोगों द्वारा पसंद किया गया। करीब डेढ़ महीने तक चले धार्मिक उत्सव में 12 करोड़ रुपये से अधिक के खादी के उत्पादों की बिक्री हुई।
खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के चेयरमैन मनोज कुमार ने कहा, इस वर्ष 14 जनवरी से 27 फरवरी तक प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में खादी उत्पादों की प्रदर्शनी में 12.02 करोड़ रुपये की बिक्री हुई है।
उन्होंने आगे कहा कि महाकुंभ में खादी के 98 स्टॉल और ग्रामोद्योग के 54 स्टॉल लगाए गए, जिनमें 9.76 करोड़ रुपये के खादी उत्पादों और 2.26 करोड़ रुपये के ग्रामोद्योग उत्पादों की बिक्री हुई है।
कुमार ने बताया कि गांवों में ‘मीठी क्रांति’ फैलाने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप, मधुमक्खी पालकों को मधुमक्खी कालोनियों और मधुमक्खी बक्सों का वितरण करने के लिए ‘हनी मिशन’ शुरू किया गया है।
इसके तहत केवीआईसी के चेयरमैन ने दिल्ली में केवीआईसी के राजघाट कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये छह राज्यों में 205 मधुमक्खी पालकों को 2,050 मधुमक्खी बक्से, हनी कॉलोनी और टूलकिट वितरित किए।
कारीगरों को संबोधित करते हुए केवीआईसी के चेयरमैन ने कहा कि 2016 में गुजरात के बनासकांठा के दीसा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘श्वेत क्रांति’ के साथ-साथ ‘मीठी क्रांति’ का आह्वान किया था। इससे प्रेरित होकर केवीआईसी ने 2017 में ‘हनी मिशन’ की शुरुआत की, जिसके तहत अब तक 20,000 से अधिक लाभार्थियों को 2 लाख मधुमक्खी के बक्से और मधुमक्खी कालोनियां मिल चुकी हैं।
इस दौरान केवीआईसी के चेयरमैन ने बीते 10 वर्षों की खादी क्षेत्र की प्रगति के बारे में बताया। साथ ही कहा कि इस दौरान खादी और ग्रामोद्योग की बिक्री पांच गुना बढ़कर 1,55,000 करोड़ रुपये हो गई है, जो कि पहले 31,000 करोड़ रुपये थी। इसके साथ अकेले खादी वस्त्रों की बिक्री में छह गुना वृद्धि हुई है, जो 1,081 करोड़ रुपये से बढ़कर 6,496 करोड़ रुपये हो गई है और पिछले वित्तीय वर्ष में 10.17 लाख नए रोजगार सृजित हुए।
–आईएएनएस
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