वड़ोदरा, 16 जनवरी (आईएएनएस)। देवदत्त पड़िक्कल और अभिलाष शेट्टी के प्रदर्शनों की बदौलत कर्नाटक सेमीफ़ाइनल में हरियाणा को पांच विकेट से हराकर पांचवीं बार विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी के फ़ाइनल में पहुंच गया है। वड़ोदरा में पहले बल्लेबाज़ी करने उतरी हरियाणा की पूरी टीम 50 ओवर में नौ विकेट के नुक़सान पर 237 रन बना पाई और हरियाणा को इस स्कोर पर रोकने में सबसे अहम भूमिका बाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज़ अभिलाष शेट्टी ने निभाई जिन्होंने 10 ओवर में महज़ 34 रन देकर चार विकेट झटके। कर्नाटक ने 47.2 ओवर में पांच विकेट पर 238 रन बनाये
शेट्टी ने हरियाणा की टीम को 32 के स्कोर पर अर्श रांगा के रूप में झटका दिया। हालांकि इसके बाद हिमांशु राणा और कप्तान अंकित कुमार के बीच साझेदारी पनप गई लेकिन दोनों ही बल्लेबाज़ अर्धशतक से चूक गए। दोनों के बीच हुई 80 रनों की साझेदारी को श्रेयस गोपाल ने अंकित को पगबाधा कर तोड़ा। जबकि हार्दिक राज ने हिमांशु राणा को पवेलियन चलता किया।
इसके बाद शेट्टी ने एक बार फिर आक्रमण बोल दिया और निशांत सिंधु और पार्थ वत्स के रूप में हरियाणा को दो बड़े झटके दिए जिससे हरियाणा की टीम बैकफ़ुट पर चली गई। हालांकि इसके बाद राहुल तेवतिया और दिनेश बाना ने पारी को संभालने की कोशिश की लेकिन बाना को गोपाल ने बोल्ड कर दिया और तेवतिया का शिकार भारतीय तेज़ गेंदबाज़ प्रसिद्ध कृष्णा ने किया। प्रसिद्ध का यह इस मैच में पहला विकेट था जिसके बाद उन्होंने अंशुल काम्बोज का अपने दूसरे विकेट के रूप में शिकार किया। हरियाणा 45 ओवर में 198 के स्कोर पर अपने नौ विकेट गंवा चुका था लेकिन अंत में अनुज ठकराल और अमित राणा ने मिलकर हरियाणा को लड़ने लायक स्कोर तक पहुंचा दिया।
238 के लक्ष्य का पीछा करने उतरी कर्नाटक की टीम की शुरुआत अच्छी नहीं रही और मयंक अग्रवाल अपनी तीसरी ही गेंद पर काम्बोज की गेंद पर पगबाधा हो गए, इस टूर्नामेंट में शानदार लय में नज़र आए अग्रवाल अपना खाता तक नहीं खोल पाए। अग्रवाल ने इस सीज़न अब तक नौ पारियों में 103 से भी अधिक की औसत से 619 रन बनाए हैं और वह करुण नायर के बाद टूर्नामेंट में सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ भी हैं।
बहरहाल अग्रवाल के आउट होने के बाद पड़िक्कल ने के वी अनीश के साथ पारी संभालने की कोशिश की लेकिन अनीश 22 के निजी स्कोर पर अमित राणा का शिकार बन गए। हालांकि इसके बाद पड़िक्कल ने आर स्मरण के साथ मिलकर कर्नाटक की पारी को संभाल लिया और तीसरे विकेट के लिए इन दोनों के बीच 128 रनों की साझेदारी हुई। टीम का स्कोर जब 194 रन था तब पड़िक्कल 86 के निजी स्कोर पर सिंधु की गेंद पर राणा को कैच दे बैठे लेकिन तब तक मैच कर्नाटक की मुट्ठी में आ चुका था। सिंधु ने अपने दूसरे झटके के रूप में स्मरण को 76 के निजी स्कोर पर बोल्ड किया लेकिन तब कर्नाटक को 27 गेंदों पर जीत के लिए महज़ 13 रनों की ज़रूरत थी।
पड़िक्कल ने 86 रनों की पारी खेलने के अलावा तीन कैच भी लिए जिसके लिए उन्हें प्लेयर ऑफ़ द मैच भी चुना गया। विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी का फ़ाइनल 18 जनवरी को वड़ोदरा में ही खेला जाना है। फ़ाइनल की दूसरी टीम दूसरे सेमीफ़ाइनल के विजेता से तय होगी जो कि 16 जनवरी को विदर्भ और महाराष्ट्र के बीच खेला जाना है।
–आईएएनएस
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