पोलियो वैक्सीन से इनकार करने के मामले में कराची सबसे आगे

इस्लामाबाद, 14 अप्रैल (आईएएनएस)। पाकिस्तान का आर्थिक केंद्र और सिंध की राजधानी कराची पोलियो वैक्सीन देने से इनकार करने वाले पाकिस्तानी शहरों की सूची में शीर्ष पर है, जहां पोलियो वायरस विरोधी अभियानों के दौरान परिवारों ने अपने बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाने से मना कर दिया। यह चिंताजनक आंकड़े देश के संघीय स्वास्थ्य मंत्री मुस्तफा कमाल ने बताए। उन्हाेंने कहा कि 85 प्रतिशत परिवारों ने अपने बच्चों को पोलियो वायरस की खुराक पिलाने से मना कर दिया।
कराची में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कमाल ने खुलासा किया कि पाकिस्तान में कम से कम 44,000 परिवारों ने अपने बच्चों को पोलियो वायरस वैक्सीन की खुराक पिलाने से मना कर दिया है।
उन्होंने कहा, “इस समय, पाकिस्तान में, 44,000 इनकार करने वाले मामले हैं, जिनमें से अकेले कराची में 34,000 हैं। यह 85 से 90 प्रतिशत का आंकड़ा है। मैं पाकिस्तान में सभी को बताना चाहता हूं कि कराची में पोलियो मौजूद है, लेकिन रोकथाम के कारण लोगों पर इसका असर नहीं है। चूंकि वायरस हर जगह है, अगर बच्चों को किसी भी कारण से टीका नहीं लगाया जाता है और वे वायरस से संक्रमित हो जाते हैं, तो वे शारीरिक रूप से अक्षम हो जाएंगे। मैं आपको यह समझाने आया हूं कि अपने बच्चों को टीका न लगवाना अपराध है।”
कमाल ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पाकिस्तान में पोलियो की खुराक से इनकार के मामले एक बड़ी चुनौती है। पाकिस्तान के समान ही अफगानिस्तान में भी पोलियो-रोधी टीकाकरण अभियान चल रहा है और ये कहीं अधिक बड़ा कार्यक्रम है।
कमाल ने कहा, “यह पहली बार है कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान दोनों में एक साथ पोलियो टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। तालिबान बच्चों को टीका लगाने के लिए घर-घर जाकर टीमें भेज रहा है। उनका कार्यक्रम हमारे कार्यक्रम से ज़्यादा बड़ा है। अफ़गानिस्तान में बच्चों को टीका लगा रहा है और वे कुछ सालों में वायरस को जड़ से मिटा देंगे। खुदा न करे कि हम दुनिया में पोलियो से पीड़ित एकमात्र देश बने रहें। कृपया किसी भी दुष्प्रचार को नजरअंदाज करें और अपने बच्चों को पोलियो की दवा पिलाएं।”
पाकिस्तान और अफ़गानिस्तान दुनिया के एकमात्र ऐसे देश हैं, जहां पोलियो वायरस अभी भी मौजूद है। वायरस की मौजूदगी का एक कारण यह है कि लोग अपने बच्चों को टीका लगवाने से मना कर देते हैं। पोलियो स्वास्थ्य कार्यकर्ता भी टारगेटेड हत्याओं और आतंकवादी समूहों द्वारा हमलों के शिकार हुए हैं।
कमल ने घोषणा की कि 21 अप्रैल से एक और राष्ट्रव्यापी पोलियो टीकाकरण अभियान शुरू होगा, जिसमें कम से कम 4,15,000 पोलियो कार्यकर्ता भाग लेंगे। उन्होंने नागरिकों से उनका सम्मान करने और उनके साथ सहयोग करने का आग्रह किया।
उन्होंने आग्रह किया, “कृपया उनका सम्मान करें क्योंकि वे आपके बच्चों के भविष्य की रक्षा करने का प्रयास कर रहे हैं।”
–आईएएनएस
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