विपक्षी नेता लगातार ईवीएम को लेकर सवाल खड़े करते आए हैं। इसी बीच कपिल सिब्बल ने कहा है कि ईवीएम के लॉग (ईवीएम में मतदान की जानकारी) को कम से कम दो से तीन साल तक सुरक्षित रखा जाए। कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट से यह अपील की है कि अदालत चुनाव आयोग को निर्देश दे कि ईवीएम के लॉग को कम से कम दो सालों के लिए सुरक्षित रखे।
कपिल सिब्बल ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, “हर मशीन में एक ऑपरेटिंग सिस्टम होता है, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में भी यह सिस्टम है। ईवीएम के इस लॉग को सुरक्षित रखा जाना चाहिए। यह हमें बताएगा कि मतदान किस समय समाप्त हुआ और कितने वोट अवैध थे। यह हमें बताएगा कि किस समय वोट डाले गए। इसलिए, यह सबूत है जिसे सुरक्षित रखा जाना चाहिए।
चुनाव आयोग मतदान से जुड़ी जानकारी नहीं दे रही: कपिल सिब्बल
सिब्बल ने कहा कि चुनाव आयोग आम तौर पर मतदान का डेटा को 30 दिनों तक रखता है। चुनाव आयोग ना तो फॉर्म 17सी को वेबसाइट पर अपलोड करना चाहती है। चुनाव आयोग हमें यह जानकारी नहीं देना चाहती है कि मतदान के दौरान कितने वोट पड़े। हम यह भी जानना चाहते हैं कि जब मतदान के कुछ घंटे बाद चुनाव आयोग मतदान प्रतिशत का खुलासा कर देती है तो कुछ दिनों बाद वो मतदान प्रतिशत बढ़ कैसा जाता है।
SC से चुनाव आयोग को राहत
इससे पहले आज (24 मई) मतदान के पूरे आंकड़े देरी से जारी होने पर सवाल उठाने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की। कोर्ट ने लोकसभा चुनाव के दौरान मतदान प्रतिशत के आंकड़े उसकी वेबसाइट पर अपलोड करने के संबंध में कोई निर्देश देने से इनकार कर दिया है।
लोकसभा चुनाव में मतदान के 48 घंटे के भीतर प्रत्येक मतदान केंद्र पर डाले गए मतों के आंकड़े वेबसाइट पर डालने की मांग वाली एक याचिका पर कोर्ट ने सुनवाई की। अदालत ने यह फैसला सुरक्षित रख लिया है। बता दें कि एनजीओ एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने याचिका दायर की थी।
चुनाव आयोग ने कोर्ट से कहा कि फॉर्म 17 सी (प्रत्येक मतदान केंद्र पर डाले गए वोटों के आंकड़े) को वेबसाइट पर अपलोड करना उचित नहीं होगा।