सबसे प्रदूषित 131 शहरों की हवा में सर्वाधिक सुधार कानपुर में

देश के सबसे प्रदूषित 131 शहरों की वायु गुणवत्ता में सर्वाधिक सुधार कानपुर में हुआ है। गुरुवार को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से पोर्टल प्राण में जारी की गई तिमाही (जनवरी से मार्च) रैंकिंग में कानपुर 100 में 87 अंक पाकर पहले स्थान पर है। 85 अंकों के साथ महाराष्ट्र का शहर ठाणे दूसरे, इतने ही अंकों के साथ दिल्ली तीसरे नंबर पर है। 83 अंकों के साथ कोलकाता चौथे और 51 अंकों के साथ गाजियाबाद पांचवें नंबर पर है।
केंद्र सरकार की ओर से संचालित एनसीएपी प्रोग्राम के तहत देश के प्रदूषित 131 शहरों को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड वायु गुणवत्ता में सुधार लाने और प्रदूषण की रोकथाम के लिए धन देता है। राज्य सरकार सहयोग करती हैं। इस धन से कराए जाने वाले कामों की निगरानी सीपीसीबी के अधिकारी करते हैं। पांच साल में कानपुर को इस मद में करीब 344 करोड़ रुपये आवंटित हुए हैं।
हवा सुधारने के लिए ये काम हुए
- पनकी के गांव भऊसिंह में 46 एकड़ जमीन में कूड़ा निस्तारण प्लांट स्थापित किया गया। घरों से एकत्रित कूड़ा यहां पहुंचाया जाने लगा। इससे शहर में गंदगी कम हुई।
- सड़कों को गड्ढामुक्त करने, फुटपाथों को पक्का कराया गया। इसकी वजह से धूल का उड़ना कम हुआ।
- जापान की मियावाकी पद्धति से पांच लाख से ज्यादा पौधे लगाए गए।
- ग्रीनबेल्टों को विकसित करने के साथ ही छह पानी की तोप (एंटी स्मॉग गन) व चार टैंकरों से नियमित पानी का छिड़काव।
- छह रोड स्वीपिंग मशीनों से रोज औसतन 240 किलोमीटर सड़कों की सफाई। खासकर डिवाइडरों के किनारे जमा धूल की।
किस काम के लिए कितने अंक मिले
काम अंक
पीएम-10 कम करने के प्रयास में 12
आवंटित धन के उपयोग में 16
सड़क-फुटपाथ निर्माण, वाहनों का प्रदूषण नियंत्रण, कूड़ा निस्तारण में 59
वर्षवार ऐसे घटा पीएम-10 (धूल के सूक्ष्म कण) का स्तर
वित्तीय वर्ष पीएम-10 का स्तर गिरावट (प्रतिशत में)
2019-20 196 माइक्रोग्राम/मीटर क्यूब —
2020-21 178 9
2021-22 156 13
2022-23 127 17
2023-24 95 25.2
वायु प्रदूषण की रोकथाम और सुधार के लिए किए गए प्रयासों में कानपुर को प्रथम रैंक मिली है। 131 शहरों की यह रैंकिंग त्रैमासिक एवं वार्षिक रूप से सीपीसीबी देता है। नगर निगम की तरफ से किए गए प्रयासों से यह उपलब्धि हासिल हुई है।