लखनऊ, 30 जनवरी (आईएएनएस)। महाकुंभ 2025 के दौरान मौनी अमावस्या के अवसर पर बुधवार को प्रयागराज में हुई भगदड़ की घटना की जांच हेतु गठित न्यायिक आयोग ने अपना कार्य प्रारंभ कर दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ हादसे की जांच के लिए न्यायिक आयोग के गठन की घोषणा की थी। आयोग के सदस्य 10 जनपथ लखनऊ स्थित अपने कार्यालय में पहुंच गए हैं।
इस संदर्भ में अधिसूचना भी जारी कर दी गई है जिसके अनुसार, राज्यपाल की राय है कि 29 जनवरी को महाकुंभ, प्रयागराज में मौनी अमावस्या के दौरान मेला क्षेत्र में हुई भगदड़ की घटना तथा उक्त घटना में कतिपय श्रद्धालुओं की मृत्यु एवं गंभीर रूप से घायल होने की घटना के संबंध में लोकहित में जांच कराना आवश्यक है। इसलिए राज्यपाल द्वारा जांच आयोग अधिनियम द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करके तीन-सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया गया है।
इस आयोग की अध्यक्षता इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति हर्ष कुमार कर रहे हैं। उनके साथ सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी वी.के. गुप्ता तथा सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी डी.के. सिंह बतौर सदस्य शामिल हैं।
आयोग को अपनी जांच रिपोर्ट एक माह के भीतर राज्य सरकार को सौंपनी होगी, हालांकि आवश्यकतानुसार इसकी अवधि बढ़ाई जा सकती है।
आयोग को निम्नलिखित बिंदुओं पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी-
उन कारणों एवं परिस्थितियों का निर्धारण करना जिसके कारण उक्त घटना घटित हुई।
भविष्य में इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति को रोकने के संबंध में सुझाव देना।
उल्लेखनीय है कि मौनी अमावस्या पर्व पर महाकुंभ में मची भगदड़ में 30 लोगों की मौत हो गई थी। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे पर दुख जताते हुए मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख मुआवजा देने का ऐलान किया।
सीएम योगी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर यह कहते हुए कि महाकुंभ-2025, प्रयागराज में हुई घटना अत्यंत दुखद है, मर्माहत करने वाली है। मृतकों को विनम्र श्रद्धांजलि व मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिजनों के साथ हैं, एक वीडियो संदेश जारी किया था।
–आईएएनएस
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