बिहार : दिल्ली विजय के बाद भाजपा में जोश, विपक्ष सहमा
पटना, 9 फरवरी (आईएएनएस)। देश की राजधानी दिल्ली में विधानसभा चुनाव के बाद अब सबकी नजर इस साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव पर है। दिल्ली ‘फतह’ के बाद भाजपा जहां उत्साहित है, वहीं विपक्ष सहमा हुआ है।
भाजपा बिहार में एनडीए के लक्ष्य 225 को हासिल करने को लेकर बनी रणनीति पर आगे बढ़ रही है। विपक्ष हालांकि दिल्ली चुनाव परिणाम का बिहार में कोई प्रभाव नहीं पड़ने की बात भी कर रहा है।
बिहार में अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होना है। भाजपा सहित एनडीए के अन्य दल नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव में उतरने को लेकर सहमत हैं। इससे पहले सभी सहयोगी पार्टियां अपनी रणनीतियों को मजबूत कर रही हैं। लेकिन दिल्ली चुनाव परिणाम के बाद यह तय माना जा रहा है कि भाजपा से अब कोई भी सहयोगी पार्टी मोल-भाव करने की स्थिति में नहीं रहेगी।
माना जा रहा है कि भाजपा भले ही चुनाव में जदयू के अध्यक्ष नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव में उतरने को तैयार हो, लेकिन आज भी भाजपा के पास अधिक विधायक हैं। ऐसे में भाजपा और जदयू में सीट बंटवारे में बराबरी का हिस्सा हो, इस दबाव को दिल्ली चुनाव परिणाम ने कर दिया है। एनडीए के अन्य सहयोगी दलों पर भी भाजपा ने बढ़त बना ली है।
इधर, दिल्ली चुनाव में विपक्षी एकता तार-तार हो गई है। ऐसे में बिहार में भी महागठबंधन सहमा हुआ है। जिस तरह कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने हाल में बिहार दौरे के क्रम में जाति गणना को लेकर सवाल उठाए हैं, उससे राजद के कान खड़े हो गए हैं। हालांकि कांग्रेस को दिल्ली में एक भी सीट नहीं मिली है, फिर भी कहा जा रहा है कि कई सीटों पर उसने आम आदमी पार्टी के गणित को गड़बड़ कर दिया है।
बिहार प्रदेश युवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं कैंपेनिंग कमेटी के सदस्य ललन कुमार कहते हैं कि अगर आम आदमी पार्टी चुनाव में कांग्रेस पार्टी के साथ मिलकर उतरती, तो दिल्ली में महागठबंधन की सरकार होती। उन्होंने कहा कि प्राप्त नतीजों में 10 सीटों पर भाजपा की जीत के अंतर से कहीं ज्यादा वोट कांग्रेस उम्मीदवार को मिला है, जो इस बात का प्रमाण है।
उन्होंने आगे कहा कि यह आम आदमी पार्टी द्वारा कांग्रेस को हल्के में लेने का ही दुष्परिणाम है। यह बिहार समेत अन्य राज्यों में आगामी चुनावों में भाजपा को हराने की रणनीतियों में महागठबंधन के घटक दलों के लिए एक बड़ा सबक भी है। राजद हालांकि दिल्ली चुनाव के परिणाम का असर बिहार में पड़ने को नकार रही है।
राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने कहा कि दिल्ली चुनाव परिणाम का बिहार विधानसभा चुनाव पर इसका कोई प्रभाव पड़ने वाला नहीं है। वहां भाजपा की जीत के कई कारक हैं, पर बुरारी और देवली में एनडीए घटक की हार निश्चित रूप से बिहार विधानसभा के होने वाले चुनाव में बिहार के मतदाताओं के मिजाज का इशारा कर रही है। दोनों क्षेत्रों में बिहार के लोगों की बड़ी आबादी है और वहां से चुनाव लड़ने वाली एनडीए के दोनों घटक जदयू और लोजपा (रामविलास) बिहार की ही क्षेत्रीय पार्टियां हैं।
–आईएएनएस
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