पिछले तीन महीने में जॉब मार्केट नौ प्रतिशत बढ़ा, 'ग्रीन जॉब' में उछाल : रिपोर्ट


बेंगलुरु, 13 फरवरी (आईएएनएस)। देश के जॉब मार्केट में जोरदार वृद्धि देखी जा रही है। गुरुवार को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले तीन महीने में व्हाइट-कॉलर हायरिंग में नौ प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

जॉब एंड टैलेंट प्लेटफॉर्म, फाउंडिट (पूर्व में मॉन्स्टर एपीएसी एंड एमई) की रिपोर्ट से पता चला है कि ‘ग्रीन जॉब्स’, जो पर्यावरण को संरक्षित या बहाल करने में योगदान देती हैं – एक प्रमुख आकर्षण के रूप में सामने आई हैं। पिछले दो साल में स्वच्छ ऊर्जा पहलों के विस्तार से इनमें 41 प्रतिशत की शानदार वृद्धि देखी गई है।

सेमीकंडक्टर, ऊर्जा और अपशिष्ट प्रबंधन जैसे क्षेत्र ग्लोबल नेट-जीरो एमिशन लक्ष्यों से प्रेरित होकर इस वृद्धि का नेतृत्व कर रहे हैं।

बेंगलुरु, दिल्ली और पुणे इन भूमिकाओं के लिए प्रमुख केंद्र बनकर उभरे हैं।

रिन्यूएबल एनर्जी, ईवी और ग्रीन हाइड्रोजन पहलों से प्रेरित होकर, साल 2025 में ग्रीन जॉब की मांग में 11 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है।

इसके अलावा, रिपोर्ट से पता चला है कि यात्रा और पर्यटन, रिटेल और ऑटोमोटिव जैसे क्षेत्रों में भी भर्ती में दहाई अंक की वृद्धि दर देखी जा रही है।

मजबूत आर्थिक स्थिति, उद्योग की उभरती जरूरतें और सहायक सरकारी नीतियां – विशेष रूप से डिजिटल कौशल और स्टार्टअप विकास में – वृद्धि के इस रुझान को बढ़ावा दे रही हैं और भविष्य के लिए तैयार कार्यबल बनाने में मदद कर रही हैं।

फाउंडिट के मुख्य राजस्व एवं विकास अधिकारी प्रणय काले ने कहा, “भारत का जॉब मार्केट मजबूत गति से बढ़ रहा है, जिसमें प्रमुख उद्योगों में भर्ती में उछाल आ रहा है। यात्रा, खुदरा और ग्रीन जॉब जैसे क्षेत्रों में निरंतर गति देखी जा रही है, जो व्यावसायिक आत्मविश्वास और उद्योग की बदलती प्राथमिकताओं को दर्शाती है।”

उन्होंने कहा, “विशेष रूप से ग्रीन जॉब्स में पिछले दो वर्षों में 41 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

“प्रमुख बजट प्रावधानों सहित सरकारी नीतियां इस बदलाव को विशेष रूप से रिन्यूएबल एनर्जी, ईवी और स्थिरता-केंद्रित उद्योगों में गति दे रही हैं।”

रिपोर्ट में कहा गया है कि जनवरी 2025 में भर्ती में 32 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई, जो बाजार में नए सिरे से विश्वास का संकेत देती है।

बेंगलुरु ग्रीन जॉब मार्केट में सबसे आगे है, जो अकेले 23 प्रतिशत अवसर पेश करता है। इसके बाद दिल्ली एनसीआर 17 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर है।

पुणे और मुंबई 14-14 प्रतिशत का योगदान देते हैं, जबकि चेन्नई, जयपुर और हैदराबाद भी इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

काले ने कहा, “जैसे-जैसे मेट्रो शहरों से परे भर्ती का विस्तार हो रहा है, टियर-2 हब भी प्रमुख रोजगार केंद्रों के रूप में उभर रहे हैं, जो भारत के भविष्य के लिए तैयार, हरित अर्थव्यवस्था में बदलाव को मजबूत कर रहे हैं।”

–आईएएनएस

एसकेटी/एकेजे


Show More
Back to top button