जियो प्लेटफॉर्म्स ने एक नया 5G इंटीग्रेटेड मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म ‘जियो-ब्रेन’ लॉन्च किया है। अब आपके जेहन में सवाल आ रहा होगा कि आखिर जियो-ब्रेन क्या है और यह काम कैसे करेगा। इस आर्टिकल में जियो-ब्रेन के बारे में ही आगे जानकारी दे रहे हैं। जियो ब्रेन सभी तरह के उद्योगों और व्यवसायों को एक इंटीग्रेटिड मशीन लर्निंग प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराता है।
जियो प्लेटफॉर्म्स ने एक नया 5G इंटीग्रेटेड मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म ‘जियो-ब्रेन’ लॉन्च किया है।
अब आपके जेहन में सवाल आ रहा होगा कि आखिर जियो -ब्रेन क्या है और यह काम कैसे करेगा। इस आर्टिकल में जियो-ब्रेन के बारे में ही आगे जानकारी दे रहे हैं।
क्या है जियो-ब्रेन
कंपनी की मानें तो जियो ब्रेन सभी तरह के उद्योगों और व्यवसायों को एक इंटीग्रेटिड मशीन लर्निंग प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराता है। जियो ब्रेन प्लेटफॉर्म आसानी से कंपनियों के मौजूदा नेटवर्क से जुड़ कर काम करने की काबिलियत रखता है।
इसके इस्तेमाल के लिए कंपनियों को अपने मौजूदा नेटवर्क को बदले की जरूरत नहीं पड़ती। यानी टेलीकॉम नेटवर्क, एंटरप्राइज नेटवर्क या आईटी नेटवर्क के लिए जियो ब्रेन सभी तरह के नेटवर्क से जुड़ कर काम कर सकता है।
कंपनी का दावा है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस यह इनोविटिव प्लेटफॉर्म, सैकड़ों इंजीनियरों के प्रयासों और दो वर्षों के अनुसंधान के बाद विकसित हुआ है।
जियो-ब्रेन 500 से ज्यादा प्लेटफॉर्म से है लैस
मशीन लर्निंग को आसान बनाने के लिए जियो ब्रेन प्लेटफॉर्म्स 500 से ज्यादा एप्लिकेशन्स से लैस है। इमेज़, वीडियो, टैक्स्ट, डॉक्यूमेंट्स के लिए एडवांस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस फीचर मौजूद है। इन-बिल्ट एआई एल्गोरिदम जैसी सुविधाएं भी जियो ब्रेन प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हैं।
जियो प्लेटफॉर्म्स इसे 5G और भविष्य की टेक्नोलॉजी 6G की प्रोडक्ट्स के लिए मील का पत्थर मान रही है।
उद्यमों में बदलाव और नेटवर्क के ओप्टिमैजेशन में जियो ब्रेन मदद करेगा। साथ ही 6G विकास के लिए भी मंच तैयार करेगा, जहां मशीन लर्निंग को एक महत्वपूर्ण क्षमता माना जाता है।
जियो प्लेटफॉर्म्स का नया मशीन लर्निंग प्लेटफॉर्म ‘जियो-ब्रेन’
• 6G टेक्नोलॉजी के विकास में आएगा काम
• जियो ब्रेन इस्तेमाल करने के लिए मौजूदा नेटवर्क बदलने की नहीं जरूरत
• 500 से अधिक API और इन बिल्ट AI एल्गोरिदम से लैस