झारखंड : थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को चढ़ाया एचआईवी संक्रमित खून, सिविल सर्जन सहित अन्य अफसर सस्पेंड


रांची, 26 अक्टूबर (आईएएनएस)। झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के चाईबासा सदर अस्पताल में थैलेसीमिया से पीड़ित सात बच्चों की जिंदगी से बड़ा खिलवाड़ हुआ है। इन्हें अस्पताल के ब्लड बैंक में एचआईवी संक्रमित रक्त चढ़ा दिया गया। यह मामला उजागर होने के बाद झारखंड हाईकोर्ट के आदेश पर जांच शुरू हुई है।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रविवार को इस मामले पर संज्ञान लेते हुए जिले के सिविल सर्जन सहित अन्य जिम्मेदार अधिकारियों को तत्काल निलंबित करने का आदेश दिया है। उन्होंने पीड़ित बच्चों के परिवारों को दो-दो लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने और सभी बच्चों के इलाज की जिम्मेदारी राज्य सरकार की ओर से उठाने की घोषणा की है।

चाईबासा सदर अस्पताल स्थित सरकारी ब्लड बैंक में 13 सितंबर को एक सात वर्षीय थैलेसीमिया पीड़ित बच्चे को रक्त चढ़ाया गया था। 18 अक्टूबर को उसकी फॉलो-अप जांच में एचआईवी पॉजिटिव रिपोर्ट आई। इसके बाद अस्पताल में हड़कंप मच गया। जांच में पता चला कि छह अन्य बच्चों को भी संक्रमित खून चढ़ाया गया था। इनमें से दो बच्चे अभी भी पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (पीकू) वार्ड में भर्ती हैं।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस घटना को अत्यंत पीड़ादायक बताते हुए कहा कि इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी ब्लड बैंकों का ऑडिट कराने और पांच दिनों के भीतर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है।

इससे पहले झारखंड हाईकोर्ट ने भी स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य स्वास्थ्य सचिव और चाईबासा के सिविल सर्जन से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। राज्य सरकार की पांच सदस्यीय जांच टीम शनिवार को रांची से चाईबासा पहुंची और ब्लड बैंक, पीकू वार्ड व लैब का निरीक्षण किया। टीम ने ब्लड स्क्रीनिंग से लेकर रिकॉर्ड रखरखाव तक कई गंभीर अनियमितताएं पाईं।

स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक डॉ. दिनेश कुमार ने बताया कि फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि थैलेसीमिया मरीजों में संक्रमण किस माध्यम से फैला। जांच की जा रही है कि क्या बच्चों को संक्रमित रक्त चढ़ाया गया या संक्रमण किसी अन्य कारण से हुआ। अधिकारियों ने ब्लड बैंक के सभी डोनर्स का पता लगाने के निर्देश दिए हैं ताकि संक्रमण के फैलाव को रोका जा सके। फिलहाल ब्लड बैंक को केवल आपात स्थिति में ही संचालित करने की अनुमति दी गई है।

–आईएएनएस

एसएनसी/एसके


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