रांची, 4 दिसंबर (आईएएनएस)। झारखंड हाईकोर्ट ने धनबाद जेल के भीतर गैंगवार में हिस्ट्रीशीटर अमन सिंह की गोली मारकर हत्या के मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से पूछा है कि जेल में फायर आर्म्स कैसे पहुंचा और जेल की सुरक्षा में चूक की वजह क्या है?
चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने 5 दिसंबर को राज्य के आईजी प्रिजन को वर्चुअल मोड में कोर्ट के समक्ष उपस्थित रहने को कहा है। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन एवं अधिवक्ता पियूष चित्रेश ने पक्ष रखा। उनकी ओर से कोर्ट को बताया गया कि सरकार इस घटना की समीक्षा कर रही है। पुलिस के आला अधिकारी वहां गए हुए हैं और जानकारी इकट्ठा कर रहे हैं। आईजी प्रिजन भी घटना स्थल पर गए है, वहां से लौटने के बाद वे घटना के संबंध में रिपोर्ट देंगे।
बता दें कि धनबाद के पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह की हत्या के आरोपी शूटर अमन सिंह को 3 दिसंबर की दोपहर जेल के भीतर गोलियों से छलनी कर दिया गया था। यूपी निवासी अमन मई 2021 से इस जेल में बंद था। उसे यूपी के मिर्जापुर जेल के पास गिरफ्तार किया गया था।
अमन के खिलाफ धनबाद में हत्या, अपहरण, रंगदारी और फिरौती वसूली के 30 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। जेल में हुए गैंगवार के धनबाद के डीसी वरुण रंजन, एसएसपी संजीव कुमार सहित जिले के तमाम आलाधिकारी धनबाद मंडल कारा पहुंचे थे। राज्य मुख्यालय से भी तीन अफसरों की टीम मौके पर जांच को पहुंची थी।
–आईएएनएस
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